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    World War 3: तीसरा विश्व युद्ध होने पर ये देश होंगे सबसे अधिक सुरक्षित, जानिए लिस्ट में भारत का नाम कहां?

    Updated: Tue, 24 Jun 2025 07:50 PM (IST)

    विश्व के कई हिस्सों में बढ़ती अस्थिरता और इजरायल-ईरान संघर्ष के कारण तीसरे विश्व युद्ध की आशंका बढ़ गई है। ऐसी स्थिति में कुछ देश अपनी भौगोलिक स्थिति, सैन्य तटस्थता और स्थिर परिस्थितियों के कारण सुरक्षित पनाहगाह माने जा रहे हैं। इनमें अंटार्कटिका, आइसलैंड, न्यूजीलैंड, स्विटजरलैंड, ग्रीनलैंड, इंडोनेशिया, तुवालू, भूटान, चिली और फिजी जैसे देश शामिल हैं, जबकि भारत इस सूची में नहीं है।

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    वैश्विक स्तर पर बढ़ते तनाव ने तीसरे विश्व युद्ध की चिंता बढ़ा दी है। (फोटो- जागरण ग्राफिक्स)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इस समय विश्व के कई हिस्सों में अस्थिरता देखने को मिल रही है। कई देशों के बीच जंग छिड़ी है, तो कुछ देशों के बीच तनाव देखने को मिल रहा है। इस स्थिति ने व्यापक स्तर पर चिंताएं पैदा की हैं।

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    इन स्थितियों को देखते हुए कई लोग तो तीसरे विश्व युद्ध की आशंका भी जता रहे हैं। दरअसल, इजरायल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध में अमेरिका के कूदने के बाद चिंता और बढ़ गई। हालांकि, युद्ध की लंबा खिंचने की आशंकाओं के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ने एलान करते हुए कहा कि इजरायल और ईरान दोनों ने युद्ध विराम पर सहमति जताई है। अमेरिकी राष्ट्रपति के दावे के बाद भी स्थिति अस्थिर बनी हुई है, जिसके कारण अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर खतरा मंडरा रहा है।

    तीसरे विश्व युद्ध की बढ़ी चिंता

    वैश्विक स्तर पर बढ़ते संघर्ष ने इस बात की चिंता बढ़ा दी है कि क्या ये तीसरे विश्व युद्ध की आहट है। माना जा रहा है कि यदि संघर्ष वैश्विक युद्ध में बदल जाता है, तो इसमें दुनिया भर के सहयोगी शामिल हो सकते हैं।

    सुरक्षित पनाहगाह के रूप में उभरेंगे ये देश

    एनडीटीवी ने मेट्रो के हवाले से बताया कि विश्व युद्ध के दौरान कई ऐसे देश हैं, जो कम प्रभावित होंगे। ये देश अपनी भू-राजनीतिक स्थिति, सैन्य तटस्थता और स्थिर परिस्थितियों के कारण सुरक्षित पनाहगाह के रूप में काम कर सकते हैं। हालांकि इस पूरी लिस्ट में भारत का नाम शामिल नहीं हैं। आइए आपको इनके बारे में बताते हैं...

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    अंटार्कटिका

    अंटार्कटिका का सबसे दक्षिणी स्थान इसे परमाणु युद्ध के दौरान सबसे सुरक्षित स्थानों में से एक बनाता है। यहां पर परमाणु शक्तियों से बहुत ज्यादा दूरी है। यहां पर 14 मिलियन वर्ग किलोमीटर में शरण के लिए बहुत जगह है। हालांकि, यहां पर कठोर, बर्फीली जलवायु स्थिति लोगों के जिंदा रहने के लिए एक चुनौती हो सकती है।

    आइसलैंड

    आइसलैंड को सबसे शांतिपूर्ण देशों में से एक माना जाता रहा है। इस देश ने कभी पूर्ण पैमाने पर युद्ध में भाग नहीं लिया है। इसकी दूरस्थ भौगोलिक स्थिति इसे यूरोप में पारंपरिक युद्ध के लिए कम संवेदनशील बनाती है। माना जाता है कि अगर तीसरा विश्वयुद्ध छिड़ता है तो यहां पर परमाणु विस्फोट कम मात्रा में नुकसान पहुंचा सकता है।

    न्यूजीलैंड

    न्यूजीलैंड को भी काफी शांतप्रिय देश माना जाता है। वैश्विक शांति सूचकांक में यह दूसरे स्थान पर आता है। अपने पहाड़ी इलाकों के माध्यम से सुरक्षा प्रदान करता है। यही वजह है कि रूस के साथ पश्चिमी संघर्ष में इसे निशाना बनाए जाने की संभावना नहीं है। हालांकि, ध्यान देने वाली बात है कि न्यूजीलैंड ने यूक्रेन को वित्तीय रूप से सहायता प्रदान की है।

    स्विटजरलैंड

    दूसरे विश्व युद्ध के दौरान भी स्विटजरलैंड काफी सुरक्षित रहा। माना जाता है कि अपने पहाड़ी परिदृश्य और परमाणु आश्रयों के कारण यह अच्छी तरीके से सुरक्षित है। इसकी राजनीतिक तटस्थता ने इसे दुश्मनों से सुरक्षित रखा है।

    ग्रीनलैंड

    ग्रीनलैंड दुनिया के सबसे बड़े द्वीप के रूप में माना जाता है। ग्रीनलैंड का दूरस्थ स्थान और राजनीतिक तटस्थता इसे एक असंभव लक्ष्य बनाती है।

    इंडोनेशिया

    माना जाता है कि इंडोनेशिया तटस्थ विदेश नीति को अपनाता है। जिसमें विश्व शांति पर जोर दिया जाता है। इसके स्वतंत्र रुख और भू- राजनीतिक स्थिति के कारण वैश्विक संघर्षों में इसके शामिल होने की संभावना है।

    तुवालू

    तुवालू केवल 11000 निवासियों वाला एक छोटा से द्वीप, राष्ट्र है। तुवालू का सीमित बुनियादी ढांचा और संसांधन इसे एक अवांछनीय लक्ष्य बनाते हैं। हवाई और ऑस्ट्रेलिया के बीच इसका एक स्थान भौगोलिक अलगाव प्रदान करता है, जिस कारण इसको किसी बड़े युद्ध के दौरान सुरक्षित माना जाता है।

    भूटान

    किसी युद्ध के दौरान भूटान को भी एक सुरक्षित स्थान के तौर पर देखा जा सकता है। साल 1971 में तटस्थता की घोषणा के बाद भूटान अपने पहाड़ी और भू- आबद्ध भूगोल के कारण सुरक्षित बना हुआ है।

    चिली

    जानकारी के अनुसार, चिली 4,000 मील तक फैली विस्तृत तटरेखा और इसके प्रचुर प्राकृतिक संसाधन सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करते हैं। इसका उन्नत बुनियादी ढांचा इसे दक्षिण अमेरिका के सबसे विकसित देशों में एक बनाता है।

    फिजी

    बता दें कि ऑस्ट्रेलिया से करीब 2,700 मील दूर, फिजी का दूरस्थ स्थान, सैन्य फोकस की कमी और घने जंगलों के कारण बचाव का एक अच्छा स्थान है। इसकी न्यूनतम सेना और वैश्विक शांति सूचकांक पर उच्च रैंक इसकी सुरक्षा को और बढ़ाते हैं।

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