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    चीन-ट्रंप के व्यापार युद्ध ने दुनिया को अपनी चपेट में लिया, IMF भी वैश्विक अर्थव्यवस्था की उथल-पुथल से चिंतित

    Updated: Wed, 15 Oct 2025 05:47 AM (IST)

    चीन के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के व्यापार युद्ध ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। आयातित लकड़ी, फर्नीचर और किचन कैबिनेट पर नए अमेरिकी टैरिफ मंगलवार से लागू होने पर व्यापार जगत मेंबड़ा बदलाव आया है। यह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा विश्व आर्थिक व्यवस्था को तहस-नहस करने में एक छोटा सा बदलाव है। आगे और भी बदलाव होंगे।

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    चीन-ट्रंप के व्यापार युद्ध ने दुनिया को अपनी चपेट में लिया (फोटो- रॉयटर)

    न्यूयॉर्क टाइम्स, लंदन। चीन के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के व्यापार युद्ध ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। आयातित लकड़ी, फर्नीचर और किचन कैबिनेट पर नए अमेरिकी टैरिफ मंगलवार से लागू होने पर व्यापार जगत में बड़ा बदलाव आया है। यह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा विश्व आर्थिक व्यवस्था को तहस-नहस करने में एक छोटा सा बदलाव है। आगे और भी बदलाव होंगे।

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    इस संबंध में दुनिया के प्रमुख आर्थिक विश्लेषकों में से एक ने मंगलवार को अपनी नवीनतम आर्थिक रिपोर्ट जारी की। लेकिन, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) का औसत पूर्वानुमान वैश्विक अर्थव्यवस्था की उथल-पुथल का अंदाजा नहीं लगा पा रहा है।

    आइएमएफ अपनी रिपोर्ट तैयार कर ही रहा था कि अचानक कई घटनाक्रमों ने तस्वीर बदल दी हैं। इसी तरह चीन और अमेरिका एक-दूसरे के जहाजों पर बंदरगाहों में प्रवेश के लिए ज्यादा शुल्क लगाने की शुरुआत भी कर रहे हैं।

    पिछले हफ्ते बीजिंग ने रेयर अर्थ मिनरल्स के निर्यात पर प्रतिबंधों को कड़ा करने का फैसला किया, जो अर्धचालक, सेलफोन, पवन टर्बाइन और लगभग हर दूसरे आधुनिक उपकरण के निर्माण के लिए जरूरी सामग्री हैं।

    इलेक्ट्रिक कारों के लिए बैटरी बनाने वाले उपकरणों पर भी नए प्रतिबंध अगले महीने लागू होने वाले हैं। वहीं, चीनी आयात पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की ट्रंप धमकी अभी भी बरकरार है।

    लंदन बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर रिचर्ड पो‌र्ट्स ने कहा कि अमेरिका-चीन संबंध बेहद अस्थिर हैं। कोई नहीं जानता कि एक दिन से दूसरे दिन क्या होने वाला है। दोनों आर्थिक महाशक्तियों के बीच बढ़ता तनाव दूसरे देशों को अपनी चपेट में ले रहा है।

    उदाहरण के लिए रेयर अर्थ मिनरल्स पर चीन के प्रतिबंध उन यूरोपीय वाहन निर्माताओं को प्रभावित करेंगे जो इन सामग्रियों का इस्तेमाल करते हैं और उन्हें यूरोप की सीमाओं के पार भेजते हैं।