Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पर्याप्त नींद न लेने वाले किशोर करते हैं ज्यादा चीनी का सेवन, अमेरिकी शोधकर्ताओं के अध्ययन में आया सामने

    By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By:
    Updated: Fri, 07 Jan 2022 09:13 PM (IST)

    शोधकर्ताओं ने पाया कि कम नींद लेने वाले किशोरों ने अधिक खाद्य पदाथरें का सेवन किया जिससे ब्लड शुगर में तेजी से वृद्धि होने की आशंका थी। साथ ही कम नींद लेने वाले किशोरों ने पर्याप्त नींद लेने वाले किशोरों की तुलना में दिन में कम फल और सब्जियां खाई।

    Hero Image
    73 प्रतिशत हाई स्कूल के छात्र नहीं लेते पर्याप्त नींद (फोटो सोर्स: एएनआइ)

    उटाह, एएनआइ। अच्छे स्वास्थ्य का सीधा जुड़ाव पर्याप्त नींद से है। अमेरिकी शोधकर्ताओं के एक नवीन अध्ययन में ऐसी बात सामने आई है जो चिंता बढ़ाने वाली है। शोधकर्ताओं का कहना है कि हाई स्कूल के 73 प्रतिशत छात्र आठ से 10 घंटे की पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं। वे चीनी का अधिक सेवन करते हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। यह अध्ययन स्लीप जर्नल में प्रकाशित किया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पूर्व के अध्ययनों में सामने आ चुका है कि अपर्याप्त नींद की वजह से मानसिक स्वास्थ्य और शैक्षणिक प्रदर्शन पर बुरा असर पड़ता है और व्यवहार संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। अब बीवाइयू (ब्रिघम यंग यूनिवर्सिटी) द्वारा सिनसिनाटी चिल्ड्रेन हास्पिटल मेडिकल सेंटर में किए गए के नए शोध में कहा गया है कि अपर्याप्त नींद से किशोरों में वजन बढ़ने और अन्य कार्डियोमेटाबोलिक बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है, क्योंकि किशोरों के कम नींद लेने पर उनकी आहार संबंधी आदतें खराब हो जाती हैं।

    बीवाइयू में साइकोलाजी के प्रोफेसर और इस अध्ययन की प्रमुख लेखक डा. कारा ड्यूरासियो के मुताबिक, कम नींद किशोरों में अधिक कार्बोहाइड्रेट, चीनी और मीठे पेय पीने के खतरे को बढ़ाती है।

    इस तरह किया अध्ययन

    शोधकर्ताओं ने इस शोध के लिए 93 किशोरों के सोने और खाने के पैटर्न का विश्लेषण किया। शोधकर्ताओं ने रात में साढ़े छह घंटे सोने को अपर्याप्त नींद और नौ घंटे सोने को पर्याप्त नींद बताया। शोधकर्ताओं ने इन किशोरों के कैलोरी सेवन, मैक्रोन्यूट्रिएंट सामग्री, भोजन के प्रकार आदि का भी विश्लेषण किया।

    यह आया सामने

    शोधकर्ताओं ने पाया कि कम नींद लेने वाले किशोरों ने अधिक खाद्य पदाथरें का सेवन किया, जिससे ब्लड शुगर में तेजी से वृद्धि होने की आशंका थी। साथ ही कम नींद लेने वाले किशोरों ने पर्याप्त नींद लेने वाले किशोरों की तुलना में पूरे दिन में कम फल और सब्जियां खाई।

    अध्ययन में एक महत्वपूर्ण बात यह भी सामने आई कि कम नींद लेने वाले और पर्याप्त नींद लेने वाले किशोरों के समूहों ने भोजन में लगभग समान मात्रा में कैलोरी का सेवन किया, लेकिन कम नींद लेने वाले किशोरों ने अधिक जंक फूड का सेवन किया। डा. कारा के मुताबिक, हमें संदेह है कि थके हुए किशोर त्वरित ऊर्जा की तलाश में थे, ताकि वे बिस्तर पर जा सकें। इसलिए वे ऐसे खाद्य पदाथरें की तलाश कर रहे थे, जिनमें कार्बोहाइड्रेट और चीनी की मात्रा अधिक हो।