'भारत को टारगेट करना गलत...', अमेरिका में ही ट्रंप की हो रही किरीकिरी, US एक्सपर्ट ने सुनाई खरी-खरी
अमेरिकी विशेषज्ञ एश्ले जे. टेलिस ने कहा कि अमेरिका को रूस-यूक्रेन संघर्ष के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराना बंद कर देना चाहिए। ट्रंप प्रशासन द्वारा भारत पर रूसी तेल खरीदने के आरोप में 50 फीसदी टैरिफ लगाने की आलोचना की गई। टेलिस ने स्पष्ट किया कि पुतिन के उद्देश्यों पर अडिग रहने तक मोदी या ट्रंप शांति स्थापित नहीं कर सकते।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी सामरिक मामलों के विशेषज्ञ एश्ले जे. टेलिस ने कहा कि अमेरिका को रूस-यूक्रेन संघर्ष में शांति स्थापना को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हताशा के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराना बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अमेरिका को ट्रंप की शांति की पहल में आ रही मुश्किलों के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराना बंद करना चाहिए।
एश्ले जे. टेलिस ने कहा कि ऐसे कई लोग हैं जो राष्ट्रपति ट्रंप की यूक्रेन शांति पहल के संबंध में उनका जीवन कठिन बनाने के लिए जिम्मेदार हैं। इसलिए भारत को निशाना बनाना बंद करें।
पुतिन के चाहने से ही होगी यूक्रेन में शांति- टेलिस
एनडीटीवी से बात करते हुए एश्ले जे. टेलिस ने साफ किया कि जब तक राष्ट्रपति पुतिन अपने मूल उद्देश्यों पर अडिग रहेंगे, न तो प्रधानमंत्री मोदी और न ही राष्ट्रपति ट्रंप यूक्रेन में शांति स्थापित कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि पुतिन केवल इसलिए युद्ध नहीं रोकेंगे क्योंकि विदेश में उनके सबसे अच्छे दोस्तों ने उन्हें मना लिया है।
ट्रंप ने भारत पर लगाया 50 फीसदी टैरिफ
ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में 27 अगस्त को रूसी तेल खरीदने और यूक्रेन युद्ध को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया। हालांकि, चीन रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार है। 2024 में, चीन ने 62.6 अरब अमेरिकी डॉलर का रूसी तेल आयात किया, जबकि भारत ने 52.7 अरब अमेरिकी डॉलर का आयात किया। इसके बावजूद, ट्रंप ने चीन की बड़ी भूमिका को नजरअंदाज करते हुए भारत को अपने निशाने पर लिया है।
पीटर नवारो ने लगाए भारत पर आरोप
बीते दिनों ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने रूस-यूक्रेन युद्ध को 'मोदी का युद्ध' करार दिया था और दावा किया था कि नई दिल्ली द्वारा रूसी ऊर्जा की निरंतर खरीद के कारण ही मॉस्को की सैन्य आक्रामकता को बल मिल रहा है।
ब्लूमबर्ग को दिए एक इंटरव्यू नवारो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हवाला देते हुए कहा, "मेरा मतलब मोदी के युद्ध से है क्योंकि शांति का रास्ता, कुछ हद तक, नई दिल्ली से होकर जाता है।"
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