ट्रंप प्रशासन को मिली बड़ी जीत, सुप्रीम कोर्ट ने आव्रजन अभियान को दी मंजूरी
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आव्रजन नीतियों के समर्थन में फैसला दिया है। कोर्ट ने लॉस एंजिलिस में संघीय एजेंटों को आव्रजन अभियान चलाने की अनुमति दी जिसे ट्रंप प्रशासन के लिए एक बड़ी जीत माना जा रहा है। हालांकि तीन जजों ने इस फैसले पर असहमति जताई है। कोर्ट ने न्याय विभाग के अनुरोध को स्वीकार करते हुए संघीय जज के आदेश पर रोक लगाई।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आव्रजन के प्रति सख्त रुख का समर्थन किया है। कोर्ट ने सोमवार को बहुमत के फैसले में संघीय एजेंटों के लिए लॉस एंजिलिस में आव्रजन अभियान चलाने का रास्ता साफ कर दिया। यह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के लिए जीत है।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों ने सार्वजनिक रूप से इस फैसले से असहमति जताई है। कोर्ट ने न्याय विभाग के उस अनुरोध को स्वीकार कर लिया जिसमें संघीय जज के आदेश पर अस्थायी रोक लगाने का अनुरोध किया गया था। संघीय जज ने एजेंटों को ''उचित संदेह'' के बिना लोगों को हिरासत में लेने से रोक दिया गया था।
कुछ जजों ने जताई असहमति
सुप्रीम कोर्ट ने 6-3 के बहुमत से संक्षिप्त आदेश बिना किसी स्पष्टीकरण के जारी किया। कुछ जजों ने स्वयं इसकी आलोचना की है। जस्टिस सोतोमयोर ने असहमतिपूर्ण जताते हुए लिखा, जब हमारी संवैधानिक स्वतंत्रताएं नष्ट हो रही हैं तो मूकदर्शक बने रहने के बजाय, मैं इससे असहमत हूं।
लॉस एंजिलिस स्थित अमेरिकी जिला जज मामे फ्रिम्पोंग ने 11 जुलाई को पाया कि ट्रंप प्रशासन की कार्रवाइयों ने संभवत: अमेरिकी संविधान के चौथे संशोधन के तहत अनुचित तलाशी और जब्ती के विरुद्ध संरक्षण का उल्लंघन किया है।
नेशनल गार्ड के सैनिकों को लॉस एंजिलिस भेजा गया था
ट्रंप ने संघीय आव्रजन छापों के विरुद्ध विरोध प्रदर्शनों के बाद हालात संभालने के लिए जून में लॉस एंजिलिस में नेशनल गार्ड के सैनिकों और अमेरिकी मरीन को भेजा था। स्थानीय अधिकारियों और कैलिफोर्निया के डेमोक्रेट गवर्नर गेविन न्यूसम ने सैनिकों की तैनाती का विरोध किया तथा इसे गैरकानूनी बताया था।
(न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के इनपुट के साथ)
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