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    'ब्रह्मांड में गूंजती रहती है हमेशा एक ध्वनि', सच साबित हुई आइंस्टीन की भविष्यवाणी

    By Devshanker ChovdharyEdited By: Devshanker Chovdhary
    Updated: Sat, 01 Jul 2023 02:44 PM (IST)

    अंतरिक्ष वैज्ञानिकों (Space Scientists) ने गुरुत्वाकर्षण तरंगों को लेकर बड़ी सफलता हासिल की है। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के एक अंतरराष्ट्रीय संघ ने ब्रह्मांड में गूंजती गुरुत्वाकर्षण तरंगों की धीमी आवाज का पता लगाया है। वैज्ञानिकों ने कहा कि ब्रह्मांड में हमेशा एक ध्वनि गूंजती रहती है। बता दें कि महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने सौ साल पहले इसको लेकर भविष्यवाणी की थी।

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    'ब्रह्मांड में गूंजती रहती है हमेशा एक ध्वनी'

    वाशिंगटन, ऑनलाइन डेस्क। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने गुरुत्वाकर्षण तरंगों को लेकर बड़ी सफलता हासिल की है। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के एक अंतरराष्ट्रीय संघ ने ब्रह्मांड में गूंजती गुरुत्वाकर्षण तरंगों की धीमी आवाज का पता लगाया है। वैज्ञानिकों ने कहा कि ब्रह्मांड में हमेशा एक ध्वनि गूंजती रहती है।

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    आइंस्टीन ने की थी घोषणा

    बता दें कि महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने सौ साल पहले इसको लेकर भविष्यवाणी की थी, जिसके बारे में वैज्ञानिकों ने पता लगाया है। वैज्ञानिकों ने गुरुवार को इसकी घोषणा की।

    इस संघ में शामिल एक भौतिक वैज्ञानिक जेवियर सीमेंस ने कहा कि मैं इसे एक ग्रुप के रूप में देख रहा हूं। जेवियर सीमेंस इस संघ का हिस्सा है, जो इस पर रिसर्च कर रहा है।

    बता दें कि पहले ऐसा कहा जाता था कि ब्रह्मांड में कोई ध्वनि नहीं है, लेकिन इस खोज के बाद ध्वनि के बारे में पता चला है।

    क्या होता है गुरुत्वाकार्षण?

    बता दें कि जब भी दो ब्लैक होल एक-दूसरे से टकराते हैं तो गुरुत्वाकर्षण तरंगें निकलती है। सामान्य भाषा में इसे ऐसे समझा जा सकता है कि गुरुत्वाकर्षण तरंगें किसी भी वस्तु के घूमने से उत्पन्न होती हैं।

    बता दें कि सबसे पहले अल्बर्ट आइंस्टीन ने भविष्यवाणी की थी। उन्होंने कहा था कि गुरुत्वाकर्षण तरंगें लगभग पूरी तरह से प्रकाश की गति से हर चीज से होकर गुजरती हैं।

    ये खोज क्यों मायने रखती है?

    वैज्ञानिकों की इस नई खोज से अंतरिक्ष क्षेत्र में काफी प्रभाव पड़ेगा। उत्तरी अमेरिका, यूरोप, चीन, भारत और ऑस्ट्रेलिया में रेडियो दूरबीनों का उपयोग करके सैकड़ों वैज्ञानिकों द्वारा प्राप्त सफलता को एक प्रमुख मील का पत्थर माना जा रहा है, जो ब्रह्मांड में एक नया रास्ता खोलेगा।