Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वैज्ञानिकों ने जारी किया भ्रूण मस्तिष्क के एटलस का पहला ड्राफ्ट, इस बीमारी के इलाज में मिलेगी मदद

    Updated: Thu, 06 Nov 2025 11:31 PM (IST)

    वैज्ञानिकों ने भ्रूण मस्तिष्क के एटलस का पहला ड्राफ्ट जारी किया है, जिससे मस्तिष्क कोशिकाओं के विकास को समझने में मदद मिलेगी। यह शोध मानव और चूहे की मस्तिष्क कोशिकाओं पर केंद्रित है और इससे ऑटिज्म और सिजोफ्रेनिया जैसी बीमारियों के इलाज में मदद मिलने की उम्मीद है। वैज्ञानिकों ने मस्तिष्क प्रक्रियाओं को नियंत्रित करने वाले प्रमुख जीनों की पहचान की है और मानव मस्तिष्क के कुछ अनूठे पहलुओं को भी खोजा है।

    Hero Image

    ऑटिज्म और सिजोफ्रेनिया जैसी मस्तिष्क संबंधी बीमारियों के इलाज में मदद मिलने की उम्मीद।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विज्ञानियों ने भ्रूण मस्तिष्क के एटलस का पहला ड्राफ्ट जारी कर महत्वाकांक्षी पहल में ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। इसके तहत अध्ययन किया जाएगा कि विभिन्न प्रकार की मस्तिष्क कोशिकाएं भ्रूण अवस्था से लेकर वयस्क होने तक किस प्रकार विकसित होती हैं। इससे ऑटिज्म और सिजोफ्रेनिया जैसी मस्तिष्क संबंधी बीमारियों के इजाज में मदद मिलने की उम्मीद है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह शोध मानव और चूहे की मस्तिष्क कोशिकाओं पर केंद्रित था, लेकिन बंदरों की मस्तिष्क कोशिकाओं पर भी कुछ काम किया गया। शोधकर्ताओं ने चूहे के मस्तिष्क में पांच हजार से अधिक विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं का पता लगाया है। माना जाता है कि मानव मस्तिष्क में भी कम से कम इतनी ही कोशिकाएं होती हैं। ड्राफ्ट में विज्ञानियों ने विभिन्न प्रकार की मस्तिष्क कोशिकाओं के विकास की मैपिंग की गई। विज्ञानियों ने यह भी देखा कि समय के साथ इन कोशिकाओं में जीन कैसे सक्रिय या निष्क्रिय होते हैं।

    विज्ञानियों ने इन चीजों की पहचान

    विज्ञानियों ने मस्तिष्क प्रक्रियाओं को नियंत्रित करने वाले प्रमुख जीनों की पहचान की तथा मानव और पशु मस्तिष्कों के बीच मस्तिष्क कोशिका विकास की कुछ समानताओं का पता लगाया। इसके साथ ही मानव मस्तिष्क के कुछ अनूठे पहलुओं का भी पता लगाया। यह शोध अमेरिकी राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के ब्रेन इनिशिएटिव सेल एटलस नेटवर्क या बीआइसीएएन का हिस्सा है। बीआइसीएएन के तहत मानव मस्तिष्क का एटलस बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैज्ञानिक सहयोग किया जा रहा है।

    सिएटल स्थित एलन इंस्टीट्यूट में मस्तिष्क विज्ञान निदेशक न्यूरोसाइंटिस्ट हांगकुई जेंग ने कहा, हमारे मस्तिष्क में हजारों प्रकार की कोशिकाएं होती हैं, जिनके कोशिकीय गुणों और कार्यों में असाधारण विविधता होती है। ये विविध प्रकार की कोशिकाएं मिलकर विभिन्न प्रकार की भावनाएं उत्पन्न करती हैं। शोधकर्ताओं ने मानव मस्तिष्क के कुछ अनोखे पहलुओं की पहचान की।

    अपर्णा भादुड़ी ने क्या कहा?

    इस शोध की प्रमुख और यूसीएलए की न्यूरोसाइंटिस्ट अपर्णा भादुड़ी ने कहा, विकासशील मस्तिष्क अविश्वसनीय रूप से रहस्यमय संरचना है। यह कई अलग-अलग प्रकार की कोशिकाओं से बना है और तेजी से बदल रहा है। हालांकि हम मस्तिष्क के विकास के दौरान होने वाले व्यापक बदलावों को जानते थे, लेकिन अब हमें इस एटलस की वजह से विकासशील मस्तिष्क के विभिन्न भागों के बारे में और भी विस्तृत समझ हो गई है।

    मस्तिष्क के जिन भागों के लिए शोधकर्ताओं ने एटलस तैयार किए, उनमें नियोकार्टेक्स और हाइपोथैलेमस भी शामिल है। नियोकार्टेक्स मस्तिष्क की सबसे बाहरी परत का भाग है जो, वहीं हाइपोथैलेमस मस्तिष्क में स्थित एक छोटी संरचना है, जो शरीर के तापमान, रक्तचाप, मनोदशा, नींद, भूख और प्यास को नियंत्रित करने में मदद करती है। नए पहचाने गए मस्तिष्क कोशिका प्रकारों में कुछ नियोकार्टेक्स और स्टि्रएटम क्षेत्र में पाए गए, जो गति और कुछ अन्य कार्यों को नियंत्रित करते हैं। इस पर अभी और काम बाकी है।

    इसलिए महत्पपूर्ण है यह शोध

    मानव और पशुओं में मस्तिष्क के विकास का अध्ययन और तुलना करके यह जाना जा सकेगा कि मानव की अद्वितीय बुद्धि का क्या कारण है। मानव के अन्य पशुओं से अधिक बुद्धिमान होने का क्या कारण है।

    मनुष्यों और पशुओं में मस्तिष्क विकास को समझकर, हम रोगग्रस्त मस्तिष्क में हो रहे परिवर्तनों के बारे में भी जान सकेंगे और इस बारे में अध्ययन कर सकेंगे। इससे मिले ज्ञान का उपयोग मानव रोगों के लिए अधिक सटीक जीन और कोशिका-आधारित उपचार में किए जाने की उम्मीद है।

    आशा है कि इससे आटिज्म, सिजोफ्रेनिया तथा मस्तिष्क के विकास के दौरान होने वाली अन्य स्थितियों के बारे में गहन समझ प्राप्त होगी।

    यह भी पढ़ें: क्या कभी पानी और तेल को आपस में मिलते देखा है? अंतरिक्ष में इस जगह पर साइंस भी फेल