Uranus and Neptune difference: अरुण और वरुण ग्रह के रंगों में क्यों है अंतर; वैज्ञानिकों ने रहस्य से उठाया पर्दा, जानें वजह
अरुण यानी Uranus और वरुण यानी Neptune हमारे सौरमंडल के ऐसे ग्रह हैं जो अलग रंगों में नजर आते हैं। दोनों ग्रहों में समानताओं के बावजूद ऐसा क्यों है। वैज्ञानिकों ने इसकी वजहों का पता लगाया है। जानें क्या है वजहें...

वाशिंगटन, एएनआइ। अनंत सितारों और ढेरों ग्रहों को समेटे हमारे ब्रह्माांड में अनगिनत रहस्य हैं। विज्ञानी इन पर से पर्दा उठाने के लिए प्रयासरत हैं। इसी कड़ी में विज्ञानियों ने एक बड़े रहस्य से पर्दा उठाने में सफलता हासिल की है, जो हमारे सौरमंडल के दो ग्रहों से जुड़ा है। दरअसल, अरुण (यूरेनस) और वरुण (नेप्चयून) हमारे सौरमंडल के वे ग्रह हैं, जो आपस में कई समानताएं रखते हैं। इसके बावजूद देखने में दोनों कुछ अलग दिखाई देते हैं।
यह है रंगों में अंतर की वजह
वरुण जहां चमकदार नीला दिखाई देता है, वहीं अरुण हल्का नीला। विज्ञानियों ने दोनों के रंगों में अंतर की वजह पता लगा ली है। उनका कहना है कि अरुण का हल्का नीला रंग उसके वायुमंडल में मौजूद धुंध के कारण है।
हबल स्पेस टेलीस्कोप का किया इस्तेमाल
एसोसिएशन आफ यूनिवर्सिटीज फार रिसर्च इन एस्ट्रोनामी (एयूआरए) के शोध के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने एक एकल वायुमंडलीय माडल विकसित किया, जो दोनों ग्रहों के अवलोकन से मेल खाता है। दोनों ग्रहों के अध्ययन के लिए जेमिनी नार्थ टेलीस्कोप, नासा इन्फ्रारेड टेलीस्कोप फैसिलिटी और हबल स्पेस टेलीस्कोप का प्रयोग किया गया। इस माडल से पता चला कि अरुण ग्रह के हल्के रंग की वजह अतिरिक्त धुंध है, जो ग्रह के स्थिर और सुस्त वातावरण से बनती है।
कई समानताएं हैं
अरुण और वरुण ग्रह में बहुत सी समानताएं हैं, जैसे कि उनका द्रव्यमान, आकार और वायुमंडलीय रचनाएं समान हैं। इसके बावजूद देखने में उनमें अंतर पाया जाता है। एक तरफ वरुण जहां स्पष्ट रूप से नीला दिखाई देता है, वहीं अरुण पर सियान की हल्की छाया दिखाई देती है। इस अंतर की वजह का पता लगाने के लिए खगोलविद लंबे समय से प्रयासरत थे और अब उन्होंने इसका जवाब तलाश लिया है।
अरुण पर धुंध की परत अधिक मोटी
नए शोध से पता चला है कि अरुण ग्रह पर मौजूद धुंध की परत वरुण ग्रह की तुलना में अधिक मोटी है। इस वजह से अरुण के रंग में कुछ सफेदी दिखाई देती है। यदि दोनों के वातावरण में धुंध मौजूद न हो तो दोनों ही ग्रह लगभग समान रूप से नीले दिखाई देंगे।
इस तरह किया गया अध्ययन
आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में ग्रह भौतिकी के प्रोफेसर पैट्रिक इरविन के नेतृत्व में शोधकर्ताओं के अंतरराष्ट्रीय दल ने अरुण और वरुण ग्रह में एयरोसोल परतों का पता लगाने के लिए एक माडल विकसित किया। उसी माडल से प्राप्त निष्कर्षो के आधार पर शोधकर्ता दोनों ग्रहों के रंगों में अंतर की वजह बताने में सफल रहे। इन ग्रहों के ऊपरी वायुमंडल की पूर्व की जांच में केवल विशिष्ट तरंगदैर्ध्य पर वायुमंडल की उपस्थिति पर ध्यान केंद्रित किया था।
परतों के भीतर धुंध के कण भी शामिल
हालांकि, इस नए माडल में कई वायुमंडलीय परतें शामिल हैं, जो दोनों ग्रहों से तरंगदैर्ध्य की एक विस्तृत श्रृंखला में टिप्पणियों से मेल खाती हैं। नए माडल में गहरी परतों के भीतर धुंध के कण भी शामिल हैं, जिन्हें पहले केवल मीथेन और हाइड्रोजन सल्फाइड आयनों के बादल माना जाता था। इस अध्ययन के निष्कर्ष जर्नल आफ जियोफिजिकल रिसर्च : प्लैनेट्स में प्रकाशित किए गए हैं।
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