'काला सागर अनाज पहल को जारी रखने के संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों को हमारा समर्थन', भारत ने जताई प्रतिबद्धता
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए कंबोज ने कहा कि भारत काला सागर अनाज पहल को जारी रखने में संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रयासों का समर्थन करता है और वर्तमान गतिरोध के जल्द समाधान की उम्मीद करता है। उन्होंने सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता के लिए और महत्वपूर्ण मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अमेरिका की सराहना की।
न्यूयॉर्क, एएनआई। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि भारत काला सागर अनाज पहल को जारी रखने में संयुक्त राष्ट्र महासचिव द्वारा किए गए प्रयासों का समर्थन करता है।
काला सागर अनाज पहल पर भारत का समर्थन
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए कंबोज ने कहा कि भारत काला सागर अनाज पहल को जारी रखने में संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रयासों का समर्थन करता है और वर्तमान गतिरोध के जल्द समाधान की उम्मीद करता है। उन्होंने सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता के लिए और महत्वपूर्ण मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अमेरिका की सराहना की।
रुचिरा कंबोज ने कहा
हमें बातचीत और कूटनीति के माध्यम से समाधान खोजने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। हमारे भविष्य के निर्माण के लिए शांति, सहयोग और बहुपक्षवाद को चुनना आवश्यक है। वैश्विक व्यवस्था की रक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय वास्तुकला और शासन प्रणालियों को मजबूत करना है। इसलिए वैश्विक कानून और वैश्विक मूल्य एक साझा जिम्मेदारी होनी चाहिए।
काला सागर अनाज पहल पर क्या बोला भारत
काला सागर अनाज पहल के बारे में भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने कहा कि भारत काला सागर अनाज पहल को जारी रखने में संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रयासों का समर्थन करता है और वर्तमान गतिरोध के शीघ्र समाधान की उम्मीद करता है। इस मामले में हाल के घटनाक्रमों से शांति और स्थिरता के बड़े उद्देश्य को हासिल करने में मदद नहीं मिली है।
भारत ने कई देशों की मदद की
भारतीय प्रतिनिधि कंबोज ने याद दिलाया कि कैसे COVID-19 महामारी के दौरान भारत ने खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अपने पड़ोसी और अफ्रीका सहित कई देशों को हजारों मीट्रिक टन गेहूं, चावल, दालें और मसूर के रूप में खाद्य सहायता प्रदान की।
भारत ने कहा, अफगानिस्तान में बिगड़ती मानवीय स्थिति को देखते हुए, भारत ने अफगानिस्तान के लोगों को 50,000 मीट्रिक टन गेहूं प्रदान किया। इसी तरह, भारत ने म्यांमार के लिए अपना मानवीय समर्थन जारी रखा है, जिसमें 10,000 टन चावल और गेहूं का अनुदान शामिल है। हमने कठिन समय के दौरान खाद्य सहायता सहित श्रीलंका की भी सहायता की है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।