'नोबेल की चाहत में भारत से रिश्ते बिगाड़ रहे', अमेरिकी सांसद ने ट्रंप को दिखाया आईना
अमेरिकी सांसद आरओ खन्ना ने डोनाल्ड ट्रंप पर भारत-अमेरिका संबंधों को नोबेल शांति पुरस्कार की चाहत में बर्बाद करने का आरोप लगाया है। खन्ना का कहना है कि ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाकर 30 सालों की मेहनत को चौपट कर दिया है जिससे भारत को चीन और रूस के करीब जाने का मौका मिल रहा है। उन्होंने भारतीय-अमेरिकियों से इस मुद्दे पर आवाज उठाने की अपील की है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के मशहूर सांसद और भारतीय मूल के नेता आरओ खन्ना ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंपपर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि ट्रंप अपनी नोबेल शांति पुरस्कार की चाहत में भारत-अमेरिका के रिश्तों को बर्बाद कर रहे हैं।
यूएस-इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष खन्न ने ट्रंप पर आरोप लगाया कि वह भारत पर 50% की भारी-भरकम टैरिफ थोपकर 30 साल की मेहनत को चौपट कर रहे हैं। यह टैरिफ न सिर्फ भारत के चमड़ा और कपड़ा निर्यात को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि अमेरिकी कारोबार और भारत में निर्यात को भी चोट पहुंचा रहा है।
आरओ खन्ना ने चेतावनी दी कि ट्रंप की इन हरकतों से भारत को चीन और रूस के करीब जाने का मौका मिल रहा है। ये कदम अमेरिका के लिए बड़ा रणनीतिक नुकसान हो सकता है।
उन्होंने कहा कि ट्रंपका यह कदम सिर्फ इसलिए है क्योंकि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित करने से इनकार कर दिया, जबकि पाकिस्तान ने ऐसा किया।
Trump is destroying 30 years of bipartisan work to build the US-India strategic partnership because Modi refuses to nominate him for a Nobel Peace Prize. He imposed higher tariffs of 50% on India than China.
— Ro Khanna (@RoKhanna) September 2, 2025
Which Indian Americans who voted for Trump are speaking out? https://t.co/KdBYIUWDMo pic.twitter.com/GNG8aiNOH5
क्यों भड़के आरओ खन्ना?
आरओ खन्ना ने अपने वीडियो संदेश में साफ कहा, "ट्रंपने भारत पर 50% टैरिफ लगाया, जो चीन पर लगाए गए टैरिफ से भी ज्यादा है। यह सिर्फ भारत के निर्यात को ही नहीं, बल्कि अमेरिकी कारखानों और भारत में हमारे व्यापार को भी नुकसान पहुंचा रहा है।"
उन्होंने इसे "पांच अलार्म वाली आग" की तरह बताया, जिसका मतलब है कि यह एक गंभीर आपात स्थिति है। खन्ना ने कहा कि ट्रंप का यह कदम भारत और पाकिस्तान के हालिया तनाव में उनकी भूमिका को नजरअंदाज करने की वजह से है।
पीएम मोदी ने जून में ट्रंप से फोन पर बातचीत में साफ कर दिया था कि भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर का मसला दोनों देशों ने आपस में सुलझाया, इसमें अमेरिका का कोई रोल नहीं था।
ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने इस तनाव को खत्म करवाया और इसके लिए वह नोबेल पुरस्कार के हकदार हैं। लेकिन मोदी के इनकार ने ट्रंपको नाराज कर दिया, जिसके बाद उन्होंने भारत पर भारी टैरिफ थोप दिए।
अमेरिकियों के बीच अपनी साख खो रहे ट्रंप?
आरओ खन्ना ने भारतीय-अमेरिकियों, खासकर उन लोगों से अपील की, जिन्होंने ट्रंप को वोट दिया था। उन्होंने कहा, "मैं उन भारतीय-अमेरिकियों से पूछता हूं, जो ट्रंपके समर्थक हैं, आप आज कहां हैं? जब वह भारत-अमेरिका रिश्तों को बर्बाद कर रहे हैं, तब आप चुप क्यों हैं?"
खन्ना ने जोर देकर कहा कि ट्रंप का अहम भारत और अमेरिका के रणनीतिक रिश्तों को नष्ट कर रहा है, जो दोनों देशों के लिए नुकसानदायक है।
भारतीय मूल की एक और नेता निक्की हेली ने भी ट्रंप की आलोचना की, लेकिन साथ ही कहा कि भारत को रूस से तेल खरीदने पर ध्यान देना चाहिए। वहीं, भारतीय-अमेरिकी कारोबारी विनोद खोसला ने तंज कसते हुए कहा, "अगर ट्रंप को नोबेल मिला, तो मैं इस पुरस्कार की अहमियत को ही भूल जाऊंगा।"
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