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    Antibiotic side effects : 60 साल के बाद करते हैं एंटीबायोटिक का ज्यादा इस्तेमाल तो हो जाएं सतर्क, सताएगी यह बीमारी

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Sat, 14 May 2022 10:25 PM (IST)

    शोधकर्ताओं की एक टीम ने 60 साल या इससे अधिक उम्र के लोगों को एंटीबायोटिक का ज्यादा इस्तेमाल को लेकर सतर्क किया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि एंटीबायोटिक का ज्यादा इस्तेमाल बड़ी परेशानी का सबब बन सकता है। पढ़ें य‍ह रिपोर्ट...

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    वैज्ञानिकों ने एंटीबायोटिक का ज्यादा इस्तेमाल को लेकर सतर्क किया है। (File Photo)

    न्यूयार्क, आइएएनएस। शोधकर्ताओं की एक टीम ने बताया है कि 60 साल या इससे अधिक उम्र के लोग यदि एंटीबायोटिक का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो उनमें पेट दर्द (इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज) का खतरा बढ़ सकता है। डाइजेस्टिव डिजीज वीक (डीडीडब्ल्यू) 2022 में प्रस्तुति के लिए 23 लाख मरीजों पर आधारित चयनित इस अध्ययन में बताया गया है कि एंटीबायोटिक इस्तेमाल के आधार पर क्रोहन्स डिजीज (पाचन नाल में सूजन और उससे होने वाला दर्द) तथा अल्सरेटिव कोलाइटिस के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

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    बुजुर्गों को सजगता से इस्‍तेमाल की सलाह

    न्यूयार्क यूनिवर्सिटी के ग्रासमैन स्कूल आफ मेडिसिन के शोधकर्ता एडम एस. फाये ने बताया कि हम सोचते हैं कि बुजुर्गो के मामले में पर्यावरणीय कारक जीनेटिक्स से अधिक महत्वपूर्ण होते हैं। जब हम युवा रोगियों में क्रोहन्स डिजीज तथा अल्सरेटिव कोलाइटिस की पहचान करते हैं तो उनमें अधिकांश में फैमिली हिस्ट्री होती है। लेकिन बुजुर्गों में ऐसा नहीं होता है।

    खत्‍म होने के बजाए बढ़ सकती है बीमारी 

    इसका मतलब है कि कुछ तो अंदरूनी वातावरण है, जो इस तरह की परेशानी पैदा करता है। वर्ष 2000 से 2018 के बीच किए गए इस अध्ययन में देखा गया कि 60 साल या इससे अधिक उम्र के लोगों के मामले में एंटीबायोटिक्स के कई खुराकें दी गईं, जिनका इन रोगों के बढ़ने से संबंध था और यह खतरा एंटीबायोटिक्स की प्रत्येक डोज कोर्स के साथ बढ़ता गया।

    इन्फ्लेमटरी बाउल डिजीज का खतरा ज्‍यादा 

    एंटीबायोटिक के एक कोर्स से इन्फ्लेमटरी बाउल डिजीज का खतरा 27 प्रतिशत बढ़ जाता है। जबकि दो कोर्स से यह खतरा बढ़कर 55 प्रतिशत और तीन कोर्स से 67 प्रतिशत तक बढ़ता है। वहीं, चार कोर्स से यह खतरा 96 प्रतिशत तक बढ़ता है। इसी तरह पांच या इससे ज्यादा कोर्स से 236 प्रतिशत जोखिम बढ़ता है। विशेषज्ञों का कहना है कि छोटी मोटी बीमारियों में एंटीबायोटिक के अत्‍यधिक इस्‍तेमाल से बचना चाहिए। इन दवाओं का धड़ल्ले से ज्‍यादा मात्रा में इस्‍तेमाल शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है।