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    राष्ट्रपति ट्रंप ने कोस्ट गार्ड की कमांडेंट को किया बर्खास्त, व्हाइट हाउस से निकाले जा सकते हैं सैकड़ों कर्मचारी

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Wed, 22 Jan 2025 04:37 AM (IST)

    ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी कोस्ट गार्ड की कमांडेंट एडमिरल लिंडा ली फगन को हटा दिया है। फगन सशस्त्र बल शाखा की पहली महिला अधिकारी रही हैं। फॉक्स न्यूज के अनुसार कार्यवाहक गृह सुरक्षा मंत्री बेंजामिन हफमैन ने फगन को बर्खास्त कर दिया है। व्हाइट हाउस और गृह सुरक्षा विभाग कोस्ट गार्ड ने इस बारे में अभी आधिकारिक बयान नहीं दिया है।

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    राष्ट्रपति ट्रंप ने कोस्ट गार्ड की कमांडेंट को किया बर्खास्त (फोटो- रॉयटर)

    रॉयटर, वाशिंगटन। ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी कोस्ट गार्ड की कमांडेंट एडमिरल लिंडा ली फगन को हटा दिया है। फगन सशस्त्र बल शाखा की पहली महिला अधिकारी रही हैं। फॉक्स न्यूज के अनुसार कार्यवाहक गृह सुरक्षा मंत्री बेंजामिन हफमैन ने फगन को बर्खास्त कर दिया है। बर्खास्तगी का कारण अभी स्पष्ट नहीं है।

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    कोस्ट गार्ड ने इस बारे में अभी आधिकारिक बयान नहीं दिया

    व्हाइट हाउस और गृह सुरक्षा विभाग, कोस्ट गार्ड ने इस बारे में अभी आधिकारिक बयान नहीं दिया है। कोस्ट गार्ड सशस्त्र सेवा है, यह होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के अंतर्गत आती है।

    जो बाइडन ने 2021 में फगन को किया था नामित

    ट्रंप के सलाहकार एलन मस्क, जिन्हें सरकार की कार्यक्षमता बढ़ाने वाले विभाग (डिपार्टमेंट आफ गवर्नमेंट एफिसिएंसी) की जिम्मेदारी दी गई है ने कार्यक्षमता बढ़ावा देने के प्रयासों का उल्लेख किया, लेकिन स्पष्ट रूप से फगन को बर्खास्त किए जाने का जिक्र नहीं किया।

    पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन ने 2021 में कोस्ट गार्ड का नेतृत्व करने के लिए फगन को नामित किया था। इस बीच चर्चा है कि व्हाइट हाउस के उन सैकड़ो कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है जिन्हें ट्रंप प्रशासन ''मेक अमेरिका ग्रेट एगेन'' अभियान के लिए उपयुक्त नहीं मानता।

    पर्यावरणीय तबाही का कारण बन सकता है पेरिस समझौते से अमेरिका का निकलना

    अमेरिका का पेरिस जलवायु संधि से हटने का फैसला पर्यावरणीय तबाही का कारण बन सकता है। विशेषज्ञों ने कहा कि इसका सबसे अधिक खामियाजा विकासशील देशों में महसूस होंगे। अमेरिका ईरान, लीबिया और यमन के बाद चौथा देश बन गया है जो वैश्विक जलवायु समझौते का हिस्सा नहीं है। 2015 के इस समझौते का का उद्देश्य औद्योगिक क्रांति के बाद से ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करना है।

    विज्ञानियों, डेमोक्रेटिक नेताओं ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि इस कदम से जलवायु संकट पैदा होगा और अमेरिकियों पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव डालेगा।

    व्हाइट हाउस की पूर्व जलवायु सलाहकार जीना मैक्कार्थी ने कहा, ''अगर वे चीन पर सख्त होना चाहते हैं, तो अमेरिकी वाहन निर्माताओं और मेहनती अमेरिकियों को दंडित न करें।

    इतिहास ट्रंप को माफ नहीं करेगा

    यूनियन आफ कंसर्नड साइंटिस्ट्स ने बयान में कहा, ''राष्ट्रपति ट्रंप का विनाशकारी निर्णय अशुभ का संकेत है।कोस्टारिकन राजनयिक और 2015 में पेरिस समझौते में मुख्य भूमिका निभाने वाली क्रिस्टियाना फिगुएरेस ने कहा, ट्रंप की गैरजिम्मेदारी वाला यह निर्णय कोई आश्चर्य की बात नहीं है। इतिहास ट्रंप को माफ नहीं करेगा।

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