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    दोबारा इस्तेमाल हो पाएंगी पीपीई किट, धोने से नहीं पड़ेगा फर्क; ऐसे किया परीक्षण

    By Sanjay PokhriyalEdited By:
    Updated: Sat, 16 May 2020 10:28 AM (IST)

    PPE KIT शोधकर्ताओं ने बताया कि नई कोटिंग की एक विशेषता यह भी है कि इसे चाहे जितना भी धो लें वायरस को दूर भगाने की इसकी क्षमता बनी रहती है।

    दोबारा इस्तेमाल हो पाएंगी पीपीई किट, धोने से नहीं पड़ेगा फर्क; ऐसे किया परीक्षण

    न्यूयार्क, प्रेट्र। PPE KIT: कोरोना वायरस (कोविड -19) के प्रकोप के बीच पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विप्मेंट्स (पीपीई किट) की दुनियाभर में भारी मांग है, जिसे पूरा करने के लिए कई कंपनियां अपने अन्य कामों को छोड़कर इन्हें तैयार करने में जुट गई हैं। इनकी कमी को देखते हुए अब वैज्ञानिकों ने इन्हें दोबारा इस्तेमाल के लिए एक नया रास्ता खोज निकाला है। उन्होंने एक ऐसी कोटिंग तैयार की है, जिसे मास्क, गाउन जैसे अन्य सुरक्षा उपकरणों की सतह में लगाया जा सकता है। इसकी खासियत यह है कि यह वायरस को पीपीई किट में चिपकने नहीं देगी।

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    अमेरिका की पिट्सबर्ग यूनिर्विसटी के वैज्ञानिकों के अनुसार, पीपीई किट में इस्तेमाल होने वाले टेक्सटाइल्स व मैटेरियल्स वायरस और बैक्टीरिया को सोखते लेते हैं, जिससे ऐसी आशंका बनी रहती है कि मास्क पहनने वाला इस घातक संक्रामक बीमारी की चपेट में आ जाए। इसलिए एक निश्चित समय बाद पीपीई किट का सही तरीके से निस्तारण करना अनिवार्य है। वैज्ञानिकों ने कहा कि नई कोटिंग के बारे में जर्नल एसीएस में विस्तार से बताया गया है। नई कोटिंग में उन मैटेरियल्स व इंटरफेस का इस्तेमाल किया गया है, जो पीपीई किट को दोबारा सुरक्षित और इस्तेमाल के योग्य बना सकती है। इससे संक्रमण का खतरा भी नहीं रहता। वैज्ञानिकों ने कहा कि वर्तमान में दुनियाभर में पीपीई किट की आपूर्ति काफी कम हो चुकी है। नई कोटिंग से इस कमी को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

    धोने से नहीं पड़ेगा फर्क : पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी से इस अध्ययन के मुख्य लेखक एंथनी गैलेंट ने कहा, ‘हम पीपीई किट की सतह पर लगातार काम कर रहे हैं। हम जानते हैं कि यह कोटिंग वायरस के खिलाफ काफी अहम है और इस तरह की सतह के लिए हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं।’ शोधकर्ताओं ने बताया कि नई कोटिंग की एक विशेषता यह भी है कि इसे चाहे जितना भी धो लें, वायरस को दूर भगाने की इसकी क्षमता बनी रहती है। दुनिया भर में पीपीई किट की कमी पर शोधकर्ताओं का कहना है कि सुरक्षा उपकरणों के साथ कोटिंग की लेयर लगाकर उन्हें दोबारा इस्तेमाल के लायक बनाया जा सकता है। इससे उनकी कमी दूरी होगी।

    ऐसे किया परीक्षण : पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी से इस अध्ययन के सह-लेखक पॉल ल्यू ने कहा कि इस कोटिंग की गुणवत्ता का पता करने के लिए हमने अल्ट्रासोनिक तरीके से इसे धोया। इसके अलावा स्क्रबिंग पैड से कई बार इसे स्क्रब किया, तेज रेजर चलाकर इसकी जांच की, जिसमें यह बेहद प्रभावी पाई गई। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि महामारी में पीपीई किट की कमी से जूझ रही दुनिया को नई कोटिंग से कुछ राहत जरूर मिलेगी। अब इसे जल्द ही बाजार में उतारने की योजना है।