कृत्रिम मांसपेशियों से महाशक्तिशाली बनेंगे रोबोट
अमेरिकी वैज्ञानिकों ने तैयार की ऐसी किफायती कृत्रिम मांसपेशियां, जिससे रोबोट अपने वजन से 1000 गुना अधिक भार उठा सकेंगे...

वाशिंगटन (प्रेट्र)। रोबोटिक्स की दुनिया में नित्य नए अनुसंधान किए जा रहे हैं। चूंकि आने वाला समय रोबोट्स का है इसलिए दुनियाभर के वैज्ञानिक अपनेअपने देशों में रोबोट्स को बुद्धिमान और शक्तिशाली बनाने की दिशा में प्रयासरत हैं। इसी कड़ी में एक कदम आगे बढ़ते हुए अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक ऐसी किफायती कृत्रिम मांसपेशियां तैयार कर ली हैं जो सॉफ्ट रोबोट्स को मजबूती प्रदान करेंगी। वैज्ञानिकों का दावा है कि इन मांसपेशियों के जरिए रोबोट अपने वजन से 1000 गुना अधिक भार उठा सकेगा।
ऑरगामी (कागज को मोड़ कर चिड़िया आदि बनाने की कला) से प्रेरित ये मांसपेशियां नरम और मजबूत दोनों तरह की हैं। सबसे अहम बात है कि इन्हें बनाने में एक डॉलर यानी करीब 65 रुपये में बनाया जा सकता है। मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआइटी) और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक, प्रयोग में सुरक्षित पाई गईं ये मांसपेशियां कई अहम कार्य करने में सक्षम हैं। पीएनएएस नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, इन मांसपेशियों को तैयार करने वाले वैज्ञानिकों में से एक एमआइटी के डेनिएला रश कहती हैं कि यह रोबोट्स को महाशक्तियां प्रदान करने जैसा है।
इस तरह मिली मजबूती : वैज्ञानिकों ने इस कृत्रिम मांसपेशी को मजबूत बनाने के लिए कई अध्ययन किए। वैज्ञानिकों के मुताबिक, प्रत्येक कृत्रिम मांसपेशी में एक आंतरिक कंकाल है, जो कि हवा या तरल पदार्थ से घिरी विभिन्न सामग्रियों से बनाया जा सकता है और अंदर से प्लास्टिक या कपड़े के बैग से सील किया जा सकता है। इसके चलते अंदर से वैक्यूम बन जाता है, जो मांसपेशी को गति के दौरान मजबूत बनाता है और त्वचा को कंकाल से मजबूती से चिपकाए रखता है। इस तरह गति के दौरान इसे तनाव मिलता है और वैक्यूम के चलते भारी से भारी सामान उठाने में सक्षम है।
किसी अन्य ऊर्जा की आवश्यकता नहीं : वैज्ञानिकों के मुताबिक, वैक्यूम ही इसकी मजबूती का रहस्य है। इसके लिए ऊर्जा के किसी अन्य स्रोत की आवश्यकता नहीं है। इससे पहले शोधकर्ता धातु के स्प्रिंग्स से लेकर प्लास्टिक की शीट्स तक तमाम तरह की मांसपेशियों को बना चुके हैं, लेकिन कोई भी प्रयोग के दौरान इतनी मजबूत नहीं पाई गई जितनी यह पाई गई है।
विभिन्न प्रयोग कर जांची मजबूती : शोधकर्ताओं ने इस कृत्रिम मांसपेशियों की मजबूती जानने के लिए कई प्रयोग किए। इसके जरिए उन्होंने जमीन पर पड़े फूल से लेकर क्वाइल आदि को उठाकर देखा और यह भी जांच की कि इसके जरिए कितनी देर तक इन वस्तुओं को हवा में रखा जा सकता है। उन्होंने पाया कि एक 2.6 ग्राम की हल्की सी कृत्रिम मांसपेशी से तीन किलोग्राम की भारी भरकम वस्तु उठाई जा सकती है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के डैनियल वोगट के मुताबिक, चूंकि यह प्रणाली वैक्यूम पर आधारित है, इसलिए इसके असफल होने की आशंकाएं बेहद कम हैं। हमें पूरी उम्मीद है कि रोबोट्क्सि की दुनिया में यह एक अहम खोज साबित होगी।
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