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अमेरिकी में फ‍िर नमो नमो, US मीडिया में भी छाए रहे PM मोदी, सुर्खियों में क्वाड शिखर सम्‍मेलन, कटघरे में चीन और पाक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिकी दौरा काफी अहम था। भारतीय मीडिया ने ही नहीं बल्कि अंतरराष्‍ट्रीय मीडिया एवं अमेरिकी मीडिया में भी प्रधानमंत्री मोदी को भी विशेष स्‍थान दिया। इसके साथ यह भी देखेंगे कि अमेर‍िकी मीडिया ने चीन और पाकिस्‍तान को किस तरह से कवरेज दिया।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Mon, 27 Sep 2021 05:40 PM (IST)Updated: Mon, 27 Sep 2021 05:58 PM (IST)
अमेरिकी में फ‍िर नमो नमो, US मीडिया में भी छाए रहे PM मोदी, सुर्खियों में क्वाड शिखर सम्‍मेलन, कटघरे में चीन और पाक
अमेरिकी मीडिया में भी छाए रहे PM मोदी, सुर्खियों में क्वाड शिखर सम्‍मेलन।

वाशिंगटन, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिकी दौरा काफी अहम था। भारतीय मीडिया ने ही नहीं बल्कि अंतरराष्‍ट्रीय मीडिया एवं अमेरिकी मीडिया ने भी प्रधानमंत्री मोदी को विशेष स्‍थान दिया। अमेरिकी दौरे पर मोदी की अमेर‍िकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से मुलाकात को अमेरिकी अखबरों ने कवरेज किया। भारतीय मीडिया में इन मुलाकातों की काफी चर्चा हुई। ऐसे में सवाल उठता है कि मोदी की इस यात्रा को लेकर अमेरिकी मीडिया में किस तरह की प्रतिक्रिया रही। इसके साथ यह भी देखेंगे कि अमेर‍िकी मीडिया ने चीन और पाकिस्‍तान को किस तरह से कवरेज दिया। हाउडी मोदी कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी दूसरी बार अमेरिका में पूरी तरह से छाए रहे। 

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वाशिंगटन पोस्‍ट में क्वाड के साथ चीन और अफगानिस्‍तान की चर्चा

  • अमेरिका समेत दुनिया के दूसरे देशों में क्वाड शिखर वार्ता की काफी चर्चा रही। अमेरिका मीडिया में इसे अच्‍छा कवरेज मिला। अमेरिका के एक प्रमुख अखबार वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में बाइडन की ओर से भारत को आकस को लेकर भरोसा दिलाने का भी जिक्र है। इसमें लिखा है कि क्वाड के मुख्य कार्यक्रम से पहले बाइडन ने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी के साथ एक मजबूत साझेदारी निभाने जा रहे हैं।

  • वाशिंगटन पोस्‍ट लिखता है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों के बाहर निकलने के बाद बाइडन प्रशासन का ध्यान अब पूरी तरह से चीन पर है। अखबार में आगे कहा गया है कि अमेरिका को भारत की चिंताओं पर ध्‍यान देना होगा। अमेरिका को भारत की चिंताओं को दूर करना होगा। अखबार में कहा गया है कि भारत को चीन से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही अमेरिका को पाकिस्तान और अफगानिस्तान के इस्लामी चरमपंथी समूहों से खतरा बना हुआ है, जिनको भारत भी शत्रु की तरह देखता है।
  • द वाशिंगटन पोस्ट ने लिखा है कि बाइडन या उनके किसी भी मेहमान ने इस बैठक के दौरान चीन या बीजिंग का नाम नहीं लिया। उनके एजेंडे में चीन पर खुलकर कुछ नहीं कहा गया। बाइडन ने कहा कि इस समूह की पहली बड़ी पहल भारत में बनी एक अरब कोरोना वायरस वैक्सीन की खुराक का वितरण करना है। अखबार ने इसे बाइडन प्रशासन का सही कदम बताया है।

वाल स्ट्रीट जनरल ने क्वाड शिखर सम्‍मेलन को दिया तवज्‍जोह

अमेरिका के एक अन्‍य प्रमुख अखबार वाल स्‍ट्रीट नरल ने भी क्वाड शिखर वार्ता का जिक्र किया है। अखबार लिखता है कि क्वाड्रिलेटेरल सिक्योरिटी डायलाग के नाम से 2000 के मध्य में आयोजित हुआ कार्यक्रम आज एक समूह बन चुका है। बैठक के बाद क्वाड देशों के बीच कई क्षेत्रों में समझौते होने की संभावनाएं बढ़ी हैं। सुरक्षा विशेषज्ञों के हवाले से बताया गया है कि ताजा बदलावों से एकजुटता दिखाने की जरूरत पता चलती है।

जापान टाइम्स में मोदी और सुगा की मुलाकात का जिक्र

जापान के प्रमुख अखबार जापान टाइम्स ने अपनी खबर में प्रधानमंत्री मोदी और जापान के पीएम योशिहिदे सुगा की मुलाकात को अपनी लीड खबर बनाया है। अखबार ने चीन के विरोध में लिखा है कि वह समुद्री इलाके की स्थिति बदलने पर आतुर है। इसी शीर्षक से खबर भी लगाई गई है। इसमें कहा गया है भारत और जापान ने चीन में समुद्री इलाके में बढ़ते प्रभुत्‍व का विरोध किया है। 'भारत और जापान ने चीन के समुद्री इलाके की स्थिति बदलने का किया विरोध' नामक शीर्षक लगाया है। प्रधानमंत्री सुगा और मोदी ने समुद्री यथास्थिति बदलने को लेकर एकतरफा कोशिशों का कड़ा विरोध किया है।

भारत के लिहाज से सफल रहा क्वाड शिखर वार्ता

चीन की बढ़ती चुनौती को देखते हुए क्वाड शिखर वार्ता भारतीय हितों के लिहाज से बेहद सफल और सकारात्‍मक थी। यह श‍िखर सम्‍मेलन कई मायनों में ऐतिहासिक रहा। शिखर वार्ता में अमेर‍िकी राष्‍ट्रपति बाइडन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात भारत के लिए आर्थिक और रक्षा संबंधों के ल‍िहाज से बेहद उपयोगी साबित हुई है। प्रधानमंत्री मोदी ने शिखर वार्ता में आतंकवाद एक प्रमुख विषय बनाया। भारत ने स्‍पष्‍ट रूप से कहा कि अफगानिस्‍तान में लोकतांत्रिक सरकार के पतन के बाद काबुल एक बार फ‍िर आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगार बन सकता है। अफगानिस्‍तान में तालिबान शासन में पाक और चीन की दिलचस्‍पी भारत के लिए खतरनाक है। खासकर शांत कश्‍मीर घाटी में एक बार फ‍िर आतंकवाद सिर उठा सकता है। अफगानिस्‍तान में हिंदू और सिखों के साथ महिलाओं एवं अल्‍पसंख्‍यकों के हितों और उनकी सुरक्षा की आवाज उठाई।


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