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    India S-400 missile system : पेंटागन बोला- चीन और पाकिस्तान से मुकाबले को एस-400 तैनात कर सकता है भारत

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Wed, 18 May 2022 05:10 PM (IST)

    भारत अगले महीने तक एस-400 मिसाइल प्रणाली को तैनात कर सकता है। अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि चीन और पाकिस्तान के खतरे को देखते हुए भारत की ओर से ऐसा कदम उठाया जा सकता है।

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    भारत जल्‍द S-400 missile system को तैनात कर सकता है। (File Photo)

    वाशिंगटन, पीटीआइ। अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि चीन व पाकिस्तान से खतरे को देखते हुए भारत अगले महीने तक एस-400 मिसाइल प्रणाली को तैनात कर सकता है। भारत थल के साथ-साथ वायु व नौसेना तथा रणनीतिक परमाणु ताकत के आधुनिकीकरण की दिशा में आगे बड़ चुका है।

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    दिसंबर में प्राप्त हुई पहली खेप

    अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी के निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल स्काट बेरियर ने सुनवाई के दौरान सांसद की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों को बताया, 'भारत को रूसी एस-400 मिसाइल प्रणाली की पहली खेप दिसंबर में प्राप्त हुई। पिछले साल अक्टूबर तक भारतीय सेना अपनी जमीनी व समुद्री सीमाओं की रक्षा तथा साइबर क्षमताओं को बढ़ाने के लिए उन्नत निगरानी प्रणालियों की खरीद पर विचार कर रही थी।'

    बेहतर होगी सैन्‍य क्षमता

    बेरियर ने कहा, 'भारत स्वदेशी हाइपरसोनिक, बैलिस्टिक व क्रूज मिसाइलों के साथ-साथ हवाई रक्षा क्षमताओं का भी विकास कर रहा है। वह वर्ष 2021 से लगातार परीक्षण कर रहा है। उपग्रहों की संख्या के साथ-साथ भारत अंतरिक्ष में भी अपना प्रभाव बढ़ा रहा है। भारत सैन्य कमानों के एकीकरण का कदम उठा चुका है, जिससे उसके तीनों सशस्त्र बलों की संयुक्त क्षमता बेहतर होगी।' वर्ष 2019 के बाद भारत ने रक्षा आयात में कमी लाने की नीति अपनाई है।

    रूस से मजबूत रक्षा संबंध

    सैन्य अधिकारी के अनुसार, 'भारत के रूस के साथ दीर्घकालिक रक्षा संबंध हैं। यूक्रेन पर रूसी हमले पर भी भारत ने तटस्थ रुख अपनाया है। उसने लगातार शांति बनाए रखने की मांग की है। भारत हिंद प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करने व समृद्धि को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है।'

    ...तो सैन्य कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगा भारत

    बेरियर ने कहा कि भारत वर्ष 2003 के संघर्षविराम समझौते को लेकर प्रतिबद्ध है। साथ ही वह आतंकी खतरों से निपटने के लिए भी दृढ़ है। उसने कश्मीर में आतंकरोधी अभियान चलाए हैं। पाकिस्तानी आतंकी अगर भारत में बड़ी वारदात करते हैं, तो भारत बड़ी सैन्य कार्रवाई भी कर सकता है।

    परमाणु क्षमता का विस्तार कर सकता है पाकिस्तान

    बेरियर ने कहा कि भारत की परमाणु व पारंपरिक सैन्य क्षमता में इजाफे के दबाव में पाकिस्तान अपनी सेना का आधुनिकीकरण जारी रखते हुए परमाणु क्षमता का विस्तार कर सकता है। फरवरी 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हैं।

    तालिबान को 'रणनीति ताकत' समझता है पाकिस्तान

    अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने संसदीय समिति को बताया कि पाकिस्तान तालिबान को अफगानिस्तान में अपने हितों की रक्षा के लिए 'रणनीतिक ताकत' के रूप में देखता है। हालांकि, पाकिस्तान ने तालिबानी सरकार को औपचारिक मान्यता नहीं दी है, लेकिन चरमपंथी इस्लामी संगठन से उसके मधुर संबंध हैं।