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    पेंटागन ने कहा, हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर भारत और अमेरिका के साझा मूल्य व विचार, 11 अप्रैल को राजनाथ और जयशंकर के साथ शीर्ष स्तर पर होगी वार्ता

    टू प्लस टू वार्ता से पहले पेंटागन ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि अमेरिकी रक्षा मंत्री लायड आस्टिन और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की मेजबानी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस.जयशंकर के साथ यह वार्ता होगी।

    By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Fri, 08 Apr 2022 05:59 PM (IST)
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    रक्षा मंत्री राजनाथ और विदेश मंत्री जयशंकर की फाइल फोटो

    वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन का कहना है कि अमेरिका और भारत स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर साझा मूल्य और विचार रखते हैं। 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए दोनों देश द्विपक्षीय रक्षा साझेदारी के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को हासिल करना जारी रखेंगे।

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    भारत और अमेरिका साझा करेंगे द्विपक्षीय रक्षा साझेदारी 

    पेंटागन ने 11 अप्रैल को 2+2 की द्विपक्षीय वार्ता से पहले एक बयान जारी करके कहा कि अमेरिकी रक्षा मंत्री लायड आस्टिन और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की मेजबानी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस.जयशंकर के साथ यह वार्ता होगी। अमेरिकी रक्षा विभाग के अनुसार दोनों देश स्वतंत्र व खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र की वकालत करते हैं। दोनों देश इस महत्वाकांक्षा के साथ द्विपक्षीय रक्षा साझेदारी करेंगे।

    विश्व के सभी छोटे-बड़े देश चीन की नीयत को लेकर सशंकित

    भारत और अमेरिका समेत दुनिया के कई ताकतवर देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र को खुला व स्वतंत्र रखना सुनिश्चित करना चाहते हैं, चूंकि चीन ने दक्षिण चीन सागर में अपनी दखलंदाजी बढ़ा दी है और ताइवान, फिलीपींस, ब्रूनेई, मलेशिया और वियतनाम जैसे कई देशों के कई हिस्सों पर अपना दावा कर रखा है। चीन ने दक्षिण चीन सागर इलाके में कई आर्टीफिशियल द्वीप बनाकर वहां पर हथियारों का भी जमावड़ा कर लिया है। चीन की इन्हीं हरकतों से विश्व के सभी छोटे-बड़े देश उसकी नीयत को लेकर सशंकित हैं।

    गौरतलब है कि भारत और अमेरिका के बीच यह चौथी टू प्लस टू वार्ता होगी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि आगामी बैठक दोनों देशों को विदेश नीति, रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग से जुड़े तमाम मुद्दों पर विमर्श करने का मौका देगा। भारत और अमेरिका रणनीतिक साझेदार हैं और इस बैठक में क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी विमर्श होगा

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