पांव में बने नीले या बैंगनी रंग के निशानों को हल्के में लेने की भूल न करे कोई, ये है Covid Toes
डॉक्टरों ने कोरोना के मरीजों में कुछ और लक्षणों को लेकर दुनिया को चेताया है। इन नए लक्षणों में बच्चों के पांव में नीले या बैंगनी रंग के निशान बनना भ ...और पढ़ें

नई दिल्ली। कोरोना वायरस और इसके मरीजों को लेकर कई तरह के शोध सामने आ चुके हैं और कई शोध अभी चल भी रहे हैं। पूरी दुनिया में अब तक 211597 लोगों की जान ले चुका है। अभी तक जितने शोध सामने आए हैं उनमें ये बात सामने आ चुकी है कि कुछ मरीजों में इस वायरस के शुरुआती लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। इसलिए ऐसे लोग समाज और दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं। आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन में इसके कहर के बाद ही इसके लक्षणों को लेकर खुलासा किया था। इसके मुताबिक खांसी, जुकाम और बुखार इसके शुरुआती लक्षण हैं। ऐसा होने पर संगठन ने तुरंत अस्पताल में दिखाने की सलाह दी थी। लेकिन अब अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम विभाग (सीडीसी) ने इसमें कुछ और लक्षण जोड़ दिए हैं।
इसके अलावा कनाडा के केनेडियन पेडिएट्रिक सर्विलांस प्रोग्राम (Canadian Paediatric Surveillance Program (CPSP) ने डॉक्टरों और मरीजों को चेताया है कि बच्चों के पांव पर उभरे नीले या बैंगनी रंग के निशान कोराना वायरस के लक्षण हो सकते हैं। लिहाजा इन्हें नजरअंदाज न करें। चिकित्सकों ने इसे ‘कोविड टोज' नाम दिया है।
सीडीसी के मुताबिक कोरोना वायरस के मरीजों में जो लक्षण शुरुआत में बताए गए थे उनमें कुछ दूसरे लक्षणों पर भी अब ध्यान देने की जरूरत है। सीडीसी ने दुनिया के डॉक्टरों और लोगों को सतर्क करते हुए चेतावनी दी हैकि यदि किसी व्यक्ति को सिरदर्द, कंपकंपी, गले में खराश, मांसपेशियों में तनाव और मुंह का स्वाद बिगड़ने या सूंघने की क्षमता कमजोर होती लगे तो इसको किसी भी सूरत से हल्के में न लें। ऐसी कोई भी शिकायत होने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लें या कोरोना वायरस का टेस्ट करवाने अस्पताल पहुंच जाएं।
सीडीसी की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण में नाक बहने की शिकायत कम ही देखने को मिलती है। छींक आने को भी फिलहाल कोराना का लक्षण नहीं माना गया है। इसका जिक्र विश्व स्वास्थ्य संगठन भी अब कर चुका है। अमेरिका में कुछ मरीजों में कोरोना का संक्रमण बढ़ने पर अंगों में खून गाढ़ा होने समस्या देखी गई है। इसके अलावा कुछ मरीजों में खून के थक्के जमने की भी बात सामने आई है।
अमेरिका के अटलांटा प्रांत के एमोरी यूनिवर्सिटी हेल्थ सिस्टम के अधीन आने वाले 10 अस्पतालों में शरीर के अंदर खून जमने से लोगों के मौत की जानकारी सामने आई है। कुछ मरीजों को इसकी वजह से हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक भी हुआ है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक न्यूयॉर्क के माउंट सिनाई हॉस्पिटल के डॉक्टरों के सामने इस तरह के कुछ मरीज आए हैं जो कोरोना वायरस से संक्रमित थे और उन्हें इस तरह की परेशानी झेलनी पड़ी।

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