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    26/11 आतंकी हमले में शामिल पाक कारोबारी तहव्वुर राणा को अमेरिका से झटका, भारत प्रत्यर्पित करने की दी अनुमति

    By Agency Edited By: Mahen Khanna
    Updated: Sat, 17 Aug 2024 12:43 PM (IST)

    Pakistan Tahawwur Rana मुंबई आतंकी हमलों में शामिल पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर हुसैन राणा को बड़ा झटका दिया है। कैलिफोर्निया की एक अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि हुसैन को दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है। राणा ने डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए प्रत्यर्पण रोकने की मांग की थी।

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    Pakistan Tahawwur Rana पाकिस्तानी कारोबारी को अमेरिकी कोर्ट से झटका।

    पीटीआई, वाशिंगटन। अमेरिका की एक अदालत ने मुंबई आतंकी हमले में शामिल पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर हुसैन राणा को बड़ा झटका दिया है। कैलिफोर्निया की एक अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि  हुसैन को दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है।

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    कोर्ट ने खारिज की अपील

    अमेरिकी अपीलीय अदालत ने गुरुवार को अपने फैसले में कहा, "भारत अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत राणा को प्रत्यर्पित किए जाने की अनुमति है। 63 वर्षीय राणा ने कैलिफोर्निया के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए अमेरिका के अपीलीय न्यायालय में याचिका दायर की थी।

    डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने प्रत्यर्पण की दी थी इजाजत

    कोर्ट ने अब इस याचिका को खारिज कर दिया। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने फैसला दिया था कि आतंकवादी हमलों में उसकी कथित भागीदारी के लिए उसे भारत को प्रत्यर्पित किया जा सकता है। 

    आतंकी डेविड हेडली के साथ संबंध

    वर्तमान में लॉस एंजिल्स की जेल में बंद राणा पर 26/11 के मुंबई हमले में शामिल होने के आरोप हैं और उसके पाकिस्तानी-अमेरिकी लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली के साथ संबंध माने जाते हैं। हेडली को कई आतंकवादी घटनाओं का मुख्य साजिशकर्ता माना जाता है।

    प्रत्यर्पण आदेश की बंदी प्रत्यक्षीकरण समीक्षा के सीमित दायरे के तहत, पैनल ने माना कि राणा का कथित अपराध अमेरिका और भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि की शर्तों के अंतर्गत आता है, जिसमें प्रत्यर्पण के लिए नॉन बिस इन आइडेम (दोहरा खतरा) अपवाद शामिल है।

    पैनल ने कही ये बात

    पैनल ने यह भी माना कि भारत ने मजिस्ट्रेट जज के इस निष्कर्ष का समर्थन करने के लिए पर्याप्त सक्षम साक्ष्य प्रदान किए हैं कि राणा ने आरोपित अपराध किए हैं। पैनल के तीन जजों में मिलन डी स्मिथ, ब्रिजेट एस बेड और सिडनी ए फिट्ज़वाटर शामिल थे।