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    China debt trap: चीन के सस्‍ते कर्ज के जाल में फंसकर खुद को बर्बाद न करें अन्‍य देश, श्रीलंका और पाकिस्‍तान है इसका उदाहरण

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Tue, 12 Apr 2022 01:58 PM (IST)

    China debt trap श्रीलंका और पाकिस्‍तान दोनों ही आर्थिक बदहाली से जूझ रहे हैं। इन दोनों में एक चीज समान है। इन दोनों ने ही चीन से आर्थिक विकास के नाम पर बड़ा कर्ज लिया था। इसका खामियाजा इन देशों को भुगतना पड़ा है।

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    चीन के कर्ज के जाल में फंसकर श्रीलंका और पाकिस्‍तान ने खुद को किया बर्बाद

    वाशिंगटन (एएनआई)। अमेरिका ने विश्‍व के देशों को चीन के सस्‍ते कर्ज के जाल में न फंसने की चेतावनी दी है। अमेरिका ने कहा है कि मौजूदा समय में श्रीलंका और पाकिस्‍तान का संकट समूची दुनिया के सामने है। ये दोनों ही चीन के कर्ज के जाल में फंसे हैं। इसके अलावा ये दोनों ही पूरे विश्‍व के लिए एक साफ संकेत है कि इसका असर किस कदर बुरा हो सकता है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्थिक विकास के लिए चीन पर निर्भर रहना किसी भी देश के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। इसका ताजा उदाहरण चीन और श्रीलंका है। दोनों ही देश आर्थिक तौर पर बदहाली का सामना कर रहे हैं।

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    केवल संयोग नहीं 

    ग्‍लोबल स्‍ट्रेट की रिपोर्ट में कहा गया है कि ये केवल एक संयोग मात्र नहीं है कि इन दोनों ने ही आर्थिक विकास के नाम पर चीन से बड़ा कर्ज लिया था। इस दौरान ये पूरी तरह से खामोश रहे। इनकी नींद तब खुली जब पूरी दुनिया में आर्थिक संकट देखा जाने लगा। इसकी एक बड़ी वजह विश्‍व में फैली कोरोना महामारी थी, जिसकी शुरुआत चीन की लैब से हुई थी। चीन के कर्ज के जाल की यही नीति का ग्‍लोबल पैटर्न देखा जा सकता है।

    चीन का पुराना साझेदार है पाकिस्‍तान

    पाकिस्‍तान चीन का पुराना साझेदार है और साथ ही वो इस कर्ज के जाल में फंसे देश का एक उदाहरण भी है। रिपोर्ट में वर्ल्‍ड बैंक की रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि पाकिस्‍तान दुनिया के बड़े कर्जदारों में दसवें नंबर पर है।

    पाकिस्‍तान को कर्ज देने का मकसद

    पाकिस्‍तान ने चीन से बड़ा कर्ज ले रखा है। चीन पाकिस्‍तान इकनामिक कारिडोर प्रोजेक्‍ट का एकमात्र मकसद पाकिस्‍तान के बलूचिस्‍तान स्थित ग्‍वादर पोर्ट से शिंजियांग को जोड़ना था। इस रिपोर्ट में चीन के कर्ज के जाल पर कई जानकारों ने अपनी राय भी दी है कहा है कि इसका मकसद पाकिस्‍तान के रणनीति सस्‍थानों पर कब्‍जा जमाना भी था। चीन के इस महत्‍वाकांक्षी प्रोजेक्‍ट को चाइनीज बैंक से फाइनेंस किया गया था।

    श्रीलंका का बुरा हाल

    हांगकांग पोस्‍ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बीच श्रीलंका की यदि बात की जाए तो कोरोना महामारी ने यहां के पर्यटन उद्योग की कमर तोड़ने का काम किया, जिसका यहां की अर्थव्‍यवस्‍था में एक अहम योगदान रहा है। पर्यटन यहां पर विदेशी मुद्रा कमाने का अहम जरिया रहा है। चीन के कर्ज के जाल में फंसकर श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार खाली होता चला गया।

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