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पाकिस्‍तान से परमाणु हमले के खतरे को पूरी तरह नहीं किया जा सकता है खारिज

पाकिस्‍तान के परमाणु हथियारों को लेकर अमेरिका ने जिस चीज का खुलासा किया है उसके बारे में पाकिस्‍तान करीब छह माह पहले ही खुलेआम कह चुका है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 14 Feb 2018 04:39 PM (IST)Updated: Wed, 14 Feb 2018 08:29 PM (IST)
पाकिस्‍तान से परमाणु हमले के खतरे को पूरी तरह नहीं किया जा सकता है खारिज
पाकिस्‍तान से परमाणु हमले के खतरे को पूरी तरह नहीं किया जा सकता है खारिज

नई दिल्‍ली [स्‍पेशल डेस्‍क]। पाकिस्‍तान के परमाणु हथियारों को लेकर अमेरिका ने जिस चीज का खुलासा किया है उसके बारे में पाकिस्‍तान करीब छह माह पहले ही खुलेआम कह चुका है। दरअसल सितंबर में पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री शाहिद खकान अब्‍बासी ने कहा था कि भारतीय सेना की 'कोल्ड स्टार्ट नीति' के जवाब में पाकिस्तान ने कम दूरी वाले परमाणु हथियार विकसित किए हैं। यही बात अब अमेरिकी खुफिया प्रमुख ने भी कही है। अमेरिका का कहना है कि पाकिस्‍तान ने जो नए किस्म के परमाणु हथियार विकसित किए हैं। इन परमाणु हथियारों में समुद्र से छोड़ी जाने वाली क्रूज मिसाइलें, हवा से छोड़ी जाने वाली क्रूज मिसाइल और लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें शामिल हैं। अमेरिका का यह भी कहना है कि भारत को पाकिस्‍तान से खतरा बढ़ गया है और पाकिस्‍तान भारत पर परमाणु हमला करने की गलती कर सकता है।

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पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता
हालांकि अमे‍रिका की तरफ से आए ताजा बयान को जानकार भी पूरी तरह से खारिज नहीं करते हैं। रक्षा विशेषज्ञ रिटायर्ड कोमोडोर सी उदयभास्‍कर का मानना है कि पाकिस्‍तान से उत्पन्‍न इस खतरे को पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता है। साथ ही उन्‍होंने यह भी कहा कि इस तरह की संभावना काफी कम ही है। लेकिन अमेरिका और पाकिस्‍तान का बयान चिंता जरूर पैदा करता है।

भारत को खतरा
जहां तक अमेरिका की बात है तो आपको बता दें कि पाकिस्‍तान के परमाणु हथियारों को लेकर यह बयान वहां की नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक डान कोट्स ने अमेरिकी उच्च सदन में दिया है। उनके मुताबिक पाकिस्‍तान ना सिर्फ परमाणु हथियार बना रहा है बलिक नए किस्म के कम दूरी के परमाणु हथियारों को विकसित करने में लगा है। उन्‍होंने यहां तक कहा कि वह ऐसा निश्चित तौर पर भारत के लिए ही कर रहा है। कोट्स ने इसको भारत समेत समूची क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है। यहां पर यह भी बता देना जरूरी होगा कि कोट्स से पहले पिछले वर्ष इसी तरह का बयान मॉडरेटर डेविड सांगेर ने भी दिया था। उन्‍होंने कहा था कि पाकिस्तान दुनिया में सबसे तेजी से परमाणु हथियारों का जखीरा तैयार कर रहा है। गौरतलब है कि पाकिस्‍तान पर उत्तर कोरिया को परमाणु तकनीक देने के आरोप भी लगते रहे हैं।

आतंकी संगठनों को लेकर अमेरिका की चेतावनी
कोट्स ने कहा है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन भारत के अंदर आतंकी हमले जारी रखेंगे। इससे दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनाव और बढ़ने का खतरा है। साथ ही पाकिस्‍तान अमेरिकी हितों को भी नुकसान पहुंचाता रहेगा। पाकिस्तान नए परमाणु हथियारों को तैनात कर रहा है। आतंकवाद रोधी कार्यक्रमों में बाधा डाल रहा है और चीन से नजदीकियां बढ़ा रहा है। कोट्स ने बताया कि अमेरिकी हितों के खिलाफ पाकिस्तानी समर्थन वाले यह आतंकी संगठन पाकिस्तान में सुरक्षित पनाह लेकर भारत और अफगानिस्तान के खिलाफ हमले करेंगे। उनके मुताबिक भारत और चीन के बीच भी संबंध तनावपूर्ण रहेंगे। पूर्वी एशिया में चीन अपनी सक्रिय विदेश नीति लागू करने पर आमादा रहेगा। दक्षिण चीन सागर को लेकर चीन के संबंध ताइवान से भी और खराब होंगे।

पाक के हाफिज पर उठाए कदम के बाद आया बयान
अमेरिकी खुफिया प्रमुख का यह बयान उस वक्‍त सामने आया है जब पाकिस्‍तान में आतंकी हाफिज सईद को आतंकी घोषित कर उसके संगठन पर कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। हालांकि जानकार इसको भी संशय की दृष्टि से देखते हैं। पूर्व विंग कमांडर और रक्षा विशेषज्ञ प्रफुल बख्‍शी मानते हैं कि यह केवल दिखावे की कार्रवाई है जिसके जरिए पाकिस्‍तान दूसरे देशों की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रहा है। दरअसल, सईद को लेकर उसका पुराना ही रुख आगे भी कायम रहने वाला है।

पाकिस्‍तान के खिलाफ अमेरिका का प्रस्‍ताव
आपको यहां यह भी बता दें कि अगले इसी सप्‍ताह पेरिस में फाइनें‍शियल एक्‍शन टासक फोर्स की बैठक होनी है। इसमें अमेरिका की तरह से पाकिस्‍तान के खिलाफ प्रस्‍ताव लाया गया है। इसको लेकर अमेरिका ने ब्रि टेन से समर्थन भी मांगा है। वहीं दूसरी तरफ इस प्रस्‍ताव को गिराने के लिए पाकिस्‍तान ने अमेरिका और ब्रिटेन समेत जर्मनी और फ्रांस से सहयोग मांगा है।

रूस को लेकर भी चेतावनी
कोट्स ने इस दौरान रूस को लेकर भी चिंता जताई है। उनका कहना है कि बीते चुनाव में रूस ने राष्‍ट्रपति चुनाव को प्रभावित किया था और 2018 में भी वह इसी तरह का काम मध्‍याविधि चुनाव में भी करने से नहीं चूकेगा। कॉट्स ने कहा कि रूस का साइबर प्रोग्राम क्रेमलिन को ध्‍यान में रखते हुए काम करता है। रूस अमेरिका के खिलाफ काम कर रहा है और वह अमेरिका के सहयोगियों के सामने उसका रुतबा कम करने के लिए काम कर रहा है।

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