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    पाकिस्तान का नैरेटिव ध्वस्त, G-7 देशों ने 'आतंक के आका' की खोल दी पोल; पहलगाम हमले पर जारी किया बयान

    भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई कार्रवाई के बाद पाकिस्तान काफी ज्यादा बौखलाया हुआ है। इस बीच G-7 देशों ने पहलगाम हमले को लेकर एक बयान जारी किया है और हमले की कड़ी निंदा की है। बयान में कनाडा फ्रांस जर्मनी इटली जापान ब्रिटेन अमेरिका और यूरोपीय संघ ने सीमा के दोनों ओर संयम बरतने का आह्वान किया है।

    By Prince Gourh Edited By: Prince Gourh Updated: Sat, 10 May 2025 07:44 AM (IST)
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    जी 7 देशों ने पहलगाम हमले की निंदा की (फाइल फोटो)

    एएनआई, नई दिल्ली। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam Terror Attack) में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है और भारत ने आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान और पीओके के 9 स्थानों पर आतंकवादियों के ठिकानों को ध्वस्त किया है।

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    ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के तहत की गई कार्रवाई के बाद पाकिस्तान काफी ज्यादा बौखलाया हुआ है। इस बीच G-7 देशों ने पहलगाम हमले को लेकर एक बयान जारी किया है और हमले की कड़ी निंदा की है।

    बयान में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ ने सीमा के दोनों ओर संयम बरतने का आह्वान किया है।

    G-7 देशों ने जारी किया बयान

    बयान में कहा गया है, "हम, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के जी-7 विदेश मंत्री और यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं और भारत और पाकिस्तान दोनों से अधिकतम संयम बरतने का आग्रह करते हैं।"

    जी-7 देशों ने अपने बयान में कहा, "सैन्य कार्रवाई में और वृद्धि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा पैदा करती है। हम दोनों पक्षों के नागरिकों की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं।" बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों को शांतिपूर्ण परिणाम के लिए बातचीत करनी चाहिए।

    G-7 देशों का आह्वान

    जी-7 देशों में आह्वान करते हुए कहा, "हम तत्काल तनाव कम करने का आह्वान करते हैं और दोनों देशों को शांतिपूर्ण परिणाम के लिए सीधी बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। हम घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और एक त्वरित और स्थायी कूटनीतिक समाधान के लिए अपना समर्थन व्यक्त करते हैं।"

    इससे पहले, अमेरिकी व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष पर मध्यस्थता के अमेरिकी प्रयासों पर बोलते हुए कहा कि अमेरिका दोनों देशों के बीच तनाव कम करने का इरादा रखता है। लेविट ने कहा था कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो दोनों देशों के नेताओं के साथ तनाव कम करने के लिए बातचीत कर रहे हैं।

    दोनों देशों के नेताओं के संपर्क में हैं अमेरिकी विदेश मंत्री

    उन्होंने कहा, "यह ऐसा मामला है जिसमें विदेश मंत्री और निश्चित रूप से अब हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मार्को रुबियो भी शामिल हैं। राष्ट्रपति चाहते हैं कि यह तनाव जल्द से जल्द कम हो।" लेविट ने कहा कि दोनों देशों के बीच संघर्ष पुराना है तथा इसे और बढ़ने से रोकने के लिए बातचीत जारी है।

    उन्होंने कहा, "वह समझते हैं कि ये दो देश दशकों से एक-दूसरे के साथ मतभेद रखते हैं। हालांकि, दोनों देशों के नेताओं और विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ उनके अच्छे संबंध हैं, मैंने उनसे कल ही बात की थी। वह दोनों देशों के नेताओं के साथ लगातार संपर्क में हैं और इस संघर्ष को समाप्त करने का प्रयास कर रहे हैं।"

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