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    'भारत को चीन जैसा न समझें...', टैरिफ को लेकर US विशेषज्ञों ने दी ट्रंप को चेतावनी

    निक्की हेली ने भारत को अमेरिका का लोकतांत्रिक साझेदार बताते हुए उसे चीन जैसा न मानने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि रूस से तेल खरीदने में चीन भारत से आगे है पर उस पर प्रतिबंध नहीं लगे। हेली ने वॉशिंगटन और नई दिल्ली के बीच संबंध टूटने की चेतावनी दी और चीन की बढ़ती महत्वाकांक्षा को देखते हुए संबंधों को सुधारने की बात कही।

    By Digital Desk Edited By: Piyush Kumar Updated: Thu, 21 Aug 2025 10:00 PM (IST)
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    भारत पर टैरिफ लगाने पर अमेरिकी विशेषज्ञों ने ट्रंप को चेतावनी दी।(फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत और ट्रंप की रिपब्लिकन सहयोगी निक्की हेली ने भारत को अमेरिका का लोकतांत्रिक साझेदार बताते हुए उसके साथ चीन जैसा व्यवहार करने से परहेज करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि रूस से तेल खरीदने में चीन भारत से काफी आगे है, लेकिन चीन पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाए गए।

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    उन्होंने सतर्क किया है कि वॉशिंगटन और नई दिल्ली के बीच संबंध टूटने की कगार पर पहुंच चुके हैं, और चीन की बढ़ती वैश्विक महत्वाकांक्षा को देखते हुए अमेरिका को भारत के साथ संबंधों को वापस पटरी पर लाना चाहिए। न्यूजवीक पत्रिका में लिखे लेख में हेली ने कहा कि भारत को चीन की तरह दुश्मन मानना ठीक नहीं है।

    ट्रंप की रिपब्लिकन सहयोगी निक्की हेली भले ही 2024 में राष्ट्रपति पद की रेस में ट्रंप की समर्थक रही हैं, लेकिन उनकी नीतियों के खिलाफ वह काफी मुखर हैं। उन्होंने लिखा कि ट्रम्प प्रशासन की विदेश नीति के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए, अमेरिका-भारत संबंधों को पटरी पर लाने से अधिक महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं हैं।

    संबंधों को बाधित करना रणनीतिक त्रासदी होगी: निक्की हेली 

    उन्होंने चेतावनी दी कि एशिया में चीन के प्रभुत्व को अगर कोई चुनौती दे सकता है तो वो भारत है और उसके साथ पिछले 25 वर्षों के संबंधों को बाधित करना रणनीतिक त्रासदी होगी।

    उन्होंने लिखा कि मध्य पूर्व में भारत के बढ़ते प्रभाव से अमेरिका को फायदा मिल सकता है क्योंकि भारत के साथ संबंध गहरे करके उस क्षेत्र को स्थिर रखने में अमेरिका को अपने संसाधनों पर कम खर्च करना पड़ेगा। उन्होंने लिखा कि ये नहीं भूलना चाहिए कि इजरायल की तरह भारत भी अमेरिका का बड़ा हथियार खरीदार है।

    टैरिफ हटा लें तो भी भारत का भरोसा नहीं जीत पाएंगे ट्रंप: प्रोफेसर सैक्स

    अमेरिकी अर्थशास्त्री बोले, ट्रंप ने भारत को रूस-चीन के करीब ला दिया- टैरिफ लगाकर ट्रंप ने ब्रिक्स देशों की एकजुटता को और मजबूत किया। अमेरिकी अर्थशास्त्री प्रोफेसर जेफ्री सैक्स ने ट्रंप प्रशासन के भारत पर लगाए 50 प्रतिशत टैरिफ को मूर्खतापूर्ण अमेरिकी विदेश नीति बताया और कहा कि इससे अमेरिका पर भारत का भरोसा घटा है।

    उन्होंने कहा कि ट्रंप के कदम से ब्रिक्स देशों की एकजुटता पहले के मुकाबले ज्यादा मजबूत हुई है और भारत रूस और चीन के ज्यादा करीब हो गया है।

    क्रिस्टल बाल और सागर एंजेटी के ब्रेकिंग प्वाइंट शो में दिए साक्षात्कार में प्रोफेसर सैक्स ने कहा कि भारत पर टैरिफ थोपना कोई रणनीति नहीं है, बल्कि एशिया में सबसे अहम साझेदार के साथ संबंधों नुकसान पहुंचाने की साजिश है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सैक्स ने कहा कि ट्रंप टैरिफ का असर दूर तक और देर तक रहेगा। ब्रिक्स की मजबूती अमेरिकी रणनीतिक हितों के खिलाफ काम करेगी।

    भारत जैसे देश के साथ अमेरिका अपने रणनीतिक और कूटनीतिक रिश्तों को गहरा कर रहा था, लेकिन भारत के पीछे पड़कर ट्रंप ने रातोंरात उन सभी प्रयासों पर पानी फेर दिया। उन्होंने आगाह किया कि भले ही अमेरिका भारत पर लगाए 25 प्रतिशत टैरिफ को हटा ले, उससे फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि अमेरिका को लेकर भारत ने सबक सीख लिया है कि आप अमेरिका पर भरोसा नहीं कर सकते हैं।

    साथ ही सैक्स ने ये भी जोड़ा कि ट्रंप के टैरिफ से कुछ भी उल्लेखनीय हासिल नहीं हुआ, बल्कि वैश्विक गठजोड़ और मजबूत होगा। सैक्स ने कहा कि किसी को भी वार्ता की मेज पर लाने पर इसका कोई व्यावहारिक प्रभाव नहीं पड़ा। वहीं, इसने वर्षों से बनी अमेरिकी विदेश नीति के एक पहलू को पूरी तरह से कमजोर कर दिया।

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