नई थेरेपी से कम हो सकता है हार्ट अटैक का खतरा, उच्च रक्तचाप और डायबिटीज में भी होने लगता है सुधार
यह अध्ययन आठ सौ लोगों पर किया गया। इनमें शामिल होने वालों में ज्यादातर वो लोग थे जो पीढ़ी दर पीढ़ी टेस्टोस्टेरान हार्मोन की कमी का शिकार थे। उनमें रक्तचाप कोलेस्ट्राल स्तर डायबिटीज जैसी समस्या थी। इनमें से आधे लोगों को टेस्टोस्टेरान हार्मोन थेरेपी दी गई।

वाशिंगटन, आइएएनएस। हार्ट अटैक के खतरों को लेकर हर कोई व्यक्ति सचेत रहना चाहता है। अब एक नए अध्ययन में सामने आया है कि पुरुषों में पाए जाने वाले हार्मोन टेस्टोस्टेरान थेरेपी से हार्ट अटैक के खतरों को कम किया जा सकता है।
यूरोपियन एसोसिएशन आफ यूरोलाजी कांग्रेस में रखे गए एक शोध पत्र के अनुसार टेस्टोस्टेरान थेरेपी से स्वास्थ्य में अन्य स्तर पर भी सुधार देखा गया है। थेरेपी के बाद मांसपेशियों में मजबूती आई और वजन कम हुआ। कोलेस्ट्राल स्तर सामान्य होने लगा और लिवर भी अच्छी तरह कार्य करने लगा। जिन लोगों का उच्च रक्तचाप था, उसमें भी सुधार आया।
यह अध्ययन आठ सौ लोगों पर किया गया। इनमें शामिल होने वालों में ज्यादातर वो लोग थे, जो पीढ़ी दर पीढ़ी टेस्टोस्टेरान हार्मोन की कमी का शिकार थे। उनमें रक्तचाप, कोलेस्ट्राल स्तर, डायबिटीज जैसी समस्या थी। इनमें से आधे लोगों को टेस्टोस्टेरान हार्मोन थेरेपी दी गई। आधे लोगों को सामान्य रूप से रखा गया।
अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों ने टेस्टोस्टेरान थेरेपी ली थी, उनमें से 412 लोगों में तेजी से हार्ट अटैक के खतरे कम होने लगे। उच्च रक्तचाप, डायबिटीज या कोलेस्ट्राल स्तर में भी सुधार होने लगा। जिन 393 लोगों को टेस्टोस्टेरान थेरेपी नहीं दी गई थी, उनमें से 74 लोगों की मौत हो गई, 70 को हार्ट अटैक हुआ। 59 को पक्षाघात हो गया। टेस्टोस्टेरान पुरुषों में पाए जाने वाला एक हार्मोन है।
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