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    Nepal: चीन ने दोस्त नेपाल से भी किया दगा! पोखरा हवाईअड्डे को लेकर ड्रैगन के कर्ज जाल में फंसा हिमालयी देश

    नेपाल 1970 के दशक के अंत से ही पोखरा में एक अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा बनाने की सोच रहा था लेकिन राजनीति नौकरशाही और वित्त ने चीन के कदम रखने तक इसे रोके रखा। यह हवाईअड्डा अमेरिकी आधिपत्य के विकल्प के रूप में अपना प्रभाव क्षेत्र स्थापित करने की चीन की महत्वकांक्षाओं का हिस्सा था।

    By AgencyEdited By: Mohammad SameerUpdated: Wed, 18 Oct 2023 06:45 AM (IST)
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    चीन के कर्ज जाल में फंसा नेपाल

    पीटीआई, न्यूयार्क। चीन की वित्तीय सहायता से नेपाल के पोखरा में अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा हिमालयी देश के लिए संकट बन गया है। अमेरिकी मीडिया के अनुसार, इस हवाईअड्डे को लेकर नेपाल चीनी ऋणदाताओं के कर्ज जाल में फंस गया है।

    न्यूयार्क टाइम्स ने कहा है कि यह महंगा हवाईअड्डा बड़े पैमाने पर चीनी कंपनियों द्वारा निर्मित किया गया था। इसके लिए बीजिंग ने फंडिंग उपलब्ध कराया था। यह चीन के लिए कूटनीतिक जीत और उसकी सरकारी कंपनियों के लिए अप्रत्याशित लाभ था। न्यूयार्क टाइम्स ने कहा है कि नेपाल पहले से ही आर्थिक संकट झेल रहा था।

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    इसने आने वाले वर्षों में देश को चीनी कर्जदाताओं के जाल में और फंसे रहने की भूमिका तैयार कर दी। समाचार पत्र ने अपने लेख में कहा है कि नेपाल 1970 के दशक के अंत से ही पोखरा में एक अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा बनाने की सोच रहा था, लेकिन राजनीति, नौकरशाही और वित्त ने चीन के कदम रखने तक इसे रोके रखा।

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    यह हवाईअड्डा अमेरिकी आधिपत्य के विकल्प के रूप में अपना प्रभाव क्षेत्र स्थापित करने की चीन की महत्वकांक्षाओं का हिस्सा था। नेपाल का अपने पड़ोसी भारत से घनिष्ठ संबंध है। भारत क्षेत्रीय प्रभुत्व के लिहाज से चीन के लिए एक बड़ा प्रतिद्वंद्वी है।