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    ट्रंप के दबाव के बाद रक्षा खर्च बढ़ाने पर सहमत हुए NATO देश, नए लक्ष्य को 10 वर्षों में किया जाना है हासिल

    अंतरराष्ट्रीय संगठन नाटो के नेताओं ने बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव के बाद अपने रक्षा खर्च में भारी वृद्धि करने पर सहमति जताई और हमला होने पर एक-दूसरे की मदद करने की अपनी अडिग प्रतिबद्धता व्यक्त की।

    By Agency News Edited By: Jeet Kumar Updated: Thu, 26 Jun 2025 05:32 AM (IST)
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    ट्रंप के दबाव के बाद रक्षा खर्च बढ़ाने पर सहमत हुए NATO देश (फोटो- रॉयटर)

    रॉयटर, द हेग। अंतरराष्ट्रीय संगठन नाटो के नेताओं ने बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव के बाद अपने रक्षा खर्च में भारी वृद्धि करने पर सहमति जताई और हमला होने पर एक-दूसरे की मदद करने की अपनी ''अडिग प्रतिबद्धता'' व्यक्त की।

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     नए लक्ष्य को 10 वर्षों में हासिल किया जाना है

    संगठन के 32 नेताओं ने कहा, ''सहयोगी देश 2035 तक रक्षा और सुरक्षा संबंधी व्यय के साथ-साथ मुख्य रक्षा आवश्यकताओं पर सालाना सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का पांच प्रतिशत निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि हमारे व्यक्तिगत और सामूहिक दायित्व सुनिश्चित हो सकें।''

    यूरोपीय देशों ने आशंका जताई है कि 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूस उनकी सुरक्षा के लिए एक खतरा बन गया है। बहरहाल, नेताओं ने नाटो की इस सामूहिक सुरक्षा गारंटी के प्रति अपनी 'अडिग प्रतिबद्धता' को भी रेखांकित किया कि अगर किसी एक देश पर हमला होता है तो उसे सभी पर हमला माना जाएगा।

    गौरतलब है कि ट्रंप ने नाटो के सदस्यों से दो टूक कहा है कि यदि वे खर्च लक्ष्य पूरा करने में विफल रहते हैं तो वह उनकी रक्षा नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि 'मैं जिंदगियां बचाने के लिए प्रतिबद्ध हूं। मैं जीवन और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हूं।''

    नाटो देश जीडीपी का 3.5 प्रतिशत मुख्य रक्षा पर खर्च करेंगे

    नया व्यय लक्ष्य अगले 10 वर्षों में हासिल किया जाना है। यह लक्ष्य जीडीपी के दो प्रतिशत के मौजूदा लक्ष्य से कहीं अधिक है। नाटो देश जीडीपी का 3.5 प्रतिशत मुख्य रक्षा पर खर्च करेंगे जैसे कि सेना और हथियार। और, डेढ़ प्रतिशत व्यापक रक्षा-संबंधी उपायों जैसे कि साइबर सुरक्षा, पाइपलाइनों की सुरक्षा और भारी सैन्य वाहनों को संभालने के लिए सड़कों और पुलों के प्रबंधन पर खर्च करेंगे।

    सभी नाटो सदस्यों ने लक्ष्य को सुनिश्चित करने वाले एक बयान का समर्थन किया है, हालांकि, स्पेन ने घोषणा की है कि उसे लक्ष्य को पूरा करने की आवश्यकता नहीं है और वह बहुत कम खर्च करके अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा कर सकता है। स्पेन की इस टिप्पणी पर ट्रंप ने कड़ी आपत्ति जताई है।

    नाटो महासचिव मार्क रूट ने माना कि देशों के लिए अतिरिक्त धन जुटाना आसान नहीं है, लेकिन ऐसा करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा, ''मेरे सहयोगियों को पूरा विश्वास है कि रूस की ओर से इस खतरे को देखते हुए और मौजूदा अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा की स्थिति को देखते हुए और कोई विकल्प नहीं है।''

    फिनलैंड नया नया नाटो में शामिल हुआ

    इजरायल और ईरान के बीच युद्ध का वर्णन करते समय ट्रंप ने 'अपशब्दों' का प्रयोग किया था। इसका जिक्र करते हुए रूट ने ट्रंप की तुलना एक ऐसे पिता से की जो स्कूल प्रांगण में छात्रों के बीच झगड़े में हस्तक्षेप करता है। उधर, फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब ने कहा कि यह गठबंधन विकसित हो रहा है।

    फिनलैंड, रूस की सीमा से सटा हुआ है और दो साल पहले ही यह नाटो में शामिल हुआ था। उन्होंने कहा, ''मुझे लगता है कि हम एक नए नाटो के उदय को देख रहे हैं, जिसका अर्थ है एक अधिक संतुलित नाटो और एक ऐसा नाटो जिसमें अधिक यूरोपीय जिम्मेदारी है।''

    यूक्रेन को और अधिक पैट्रियट मिसाइलें देने की इच्छा जताई

    ट्रंप ने अपने यूक्रेनी समकक्ष वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात के बाद संकेत दिया कि वह यूक्रेन को और अधिक पैट्रियट वायु-रक्षा मिसाइलें देने पर विचार करेंगे, जिन पर कीव, रूसी हमलों से खुद को बचाने के लिए निर्भर करता है।

    दोनों नेताओं ने कहा कि हेग में नाटो शिखर सम्मेलन के दौरान 50 मिनट की मुलाकात एक ऐसे युद्ध की ²ष्टि से एक सकारात्मक कदम है जो अब अपने चौथे वर्ष में है। ट्रंप ने इस युद्ध को ''अन्य युद्धों की तुलना में अधिक कठिन'' बताया।