पृथ्वी पर लौटने के बाद भी Sunita Williams के लिए बढ़ेगी परेशानी, 'बेबी फीट' का होगा एहसास
NASA के पूर्व अंतरिक्ष यात्री लेरॉय चियाओ ने इसको लेकर कहा ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आप संतुलन नहीं बना पाते हैं। उन्होंने कहा कि जो अंतरिक्ष यात्री लंबे समय तक स्पेस में रहते हैं धरती पर लौटने के बाद वे बेबी फीट विकसित करते हैं यानी वे अपने पैरों के तलवों पर चलने के लिए जुड़े रहने वाले कॉलस को खो देते हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर की इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से वापसी टाल दी गई है। NASA ने तकनीकी खराबी के चलते स्पेस स्टेशन के लिए नए क्रू को लेकर जा रहे मिशन क्रू 10 को टाल दिया है।
फिलहाल उनकी वापसी को लेकर अभी कोई लेटेस्ट जानकारी सामने नहीं आई है। वहीं बताया जा रहा है पृथ्वी पर लौटने के बाद उनके शरीर में कुछ बदलाव आ सकते हैं। उन्हें वापस जमीन में चलने में थोड़ी असुविधा का सामना करना पड़ सकता है।
पृथ्वी पर लौटने के बाद क्यों आते शरीर में बदलाव?
- दोनों अंतरिक्ष में 9 महीने बिता चुके हैं, ऐसे में पृथ्वी की ग्रैविटी से तालमेल बिठाना उनके लिए आसान नहीं है।
- 'NASA' के पूर्व अंतरिक्ष यात्री लेरॉय चियाओ ने इसको लेकर कहा, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आप संतुलन नहीं बना पाते हैं।
- उन्होंने कहा कि जो अंतरिक्ष यात्री लंबे समय तक स्पेस में रहते हैं धरती पर लौटने के बाद वे बेबी फीट विकसित करते हैं यानी वे अपने पैरों के तलवों पर चलने के लिए जुड़े रहने वाले कॉलस को खो देते हैं।
- चियाओ ने कहा,' आप पैरों की त्वचा का मोटा हिस्सा खो देते हैं। ऐसे में जब आप वापस आते हैं तो आपके पास बेबी फीट जैसी होती है।'
धरती पर लड़खड़ाने लगेंगे सुनीता के पैर
चियाओ ने यह भी कहा कि यह चिंता की बात नहीं है क्योंकि पैर के कॉलस जल्दी से वापस आ जाते हैं। चियाओ ने ये भी कहा, इसमें चिंता की बात नहीं है, क्योंकि कॉलस जल्दी से वापस भी आ जाते हैं, इसमें कुछ हफ्तों का समय लगता है।
अब कब होगी सुनीता विलियम्स की वापसी?
मस्क की कंपनी स्पेस एक्स ने दोनों की वापसी को लेकर क्रू-10 को लॉन्च करने की तैयारी पर काम शुरू कर दिया था। लेकिन तकनीकी समस्या की वजह से इसकी लॉन्चिंग एक बार फिर से टल गई है। NASA के अनुसार अब क्रू-10 की अगली लॉन्चिग गुरुवार 17 मार्च को सकती है। हालांकि ये तारीख भी फिक्स नहीं है और मौसम समेत दूसरे फैक्टर पर ध्यान देना जरूरी होगा।
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