Nancy Taiwan Tour: नैंसी के संभावित ताइवान दौरे को लेकर अमेरिका की अटकी हैं सांस, चीन की भी बढ़ी हुई हैं धड़कनें, जानें- क्यों
अमेरिका और चीन के बीच कई मुद्दों पर जबरदस्त तनाव है। लेकिन मौजूदा तनाव की वजह अमेरिकी हाउस की स्पीकर नैंसी पेलोसी का संभावित ताइवान दौरा है। इसको ले ...और पढ़ें

वाशिंगटन/ बीजिंग (एजेंसियां)। ताइवान के मुद्दे पर अमेरिका और चीन एक बार फिर आमने-सामने हैं। दोनों ही इस मुद्दे पर एक दूसरे को धमकाने में लगे हैं। एक तरफ जहां चीन अमेरिका को इसका दुष्परिणाम भुगतने की धमकी दे रहा है, वहीं दूसरी तरफ अमेरिका ने चीन को आग से न खेलने की धमकी दे डाली है। काफी लंबे समय के बाद गुरुवार को अमेरिकी और चीन के राष्ट्रपति के बीच हुई बातचीत का केंद्र बिंदु भी यही रहा। ये इन दोनों के बीच 5वीं फोन वार्ता थी।
नैंसी के ताइवान दौरे को लेकर गुस्से में शी
हम सभी जानते हैं कि चीन ताइवान को लेकर काफी आक्रामक रहा है। लेकिन राष्ट्रपति जो बाइडन से बातचीत के दौरान राष्ट्रपति शी चिनफिंग इस वजह से भी काफी आक्रामक दिखाई दिए क्योंकि इस सप्ताह अमेरिकी सीनेट की स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान जाने की चर्चा काफी गरम है। हालांकि, अभी तक उनके जाने की तारीख सामने नहीं आई है। इससे पहले ही चीन इसको लेकर भी अमेरिका को आगाह कर रहा है।
अमेरिका का सबसे बड़ा डर
वहीं समाचार एजेंसी एपी ने व्हाइट हाउस के सूत्रों के हवाले से बताया है कि अमेरिका को ये भी चिंता है कि चीन नैंसी के इस दौरे में उनकी हत्या करवाने की भी साजिश रच सकता है। इस एक मुद्दे पर भी दोनों की ही धड़कनें काफी बढ़ी हुई हैं। बता दें कि 1997 के बाद ये किसी भी अमेरिका हाउस के स्पीकर की ये पहली ताइवान की यात्रा होगी।
चीन के डर की बड़ी वजह
वहीं चीन को इस दौरे से सबसे बड़ा डर इस बात का है कि नैंसी के ताइवान जाने से अमेरिका और ताइवान का गठबंधन काफी पुख्ता हो जाएगा, जो कि चीन के इस पर कब्जा करने की राह में अड़चन पैदा कर सकती हैं। हालांकि ये भी सही है कि दोनों देश अब काफी करीब आ चुके हैं। अमेरिका ने ताइवान को रणनीतिक तौर पर कई सारी चीजें उपलब्ध करवाई हैं।
अमेरिका बना रहा योजना
नैंसी के ताइवान के संभावित दौरे को देखते हुए पेंटागन अमेरिकी खुफिया एजेंसियां साथ मिलकर इस दौरे के लिए योजना बनाने में लगा है। व्हाइट हाउस अधिकारी ने एपी को बताया है कि नैंसी का ताइवान दौरा फिलहाल संभावना तक ही है, लेकिन इसको देखते हुए अमेरिकी सेना की मूवमेंट को खासतौर पर हिंद महासागर में बढ़ाया जाएगा। बता दें कि किसी भी अमेरिकी अधिकारी के दौरे पर अतिरिक्त सुरक्षा की व्यवस्था की जाती है।
नैंसी के दौरे पर होगी कड़ी सुरक्षा
अधिकारी ने इस बारे में अधिक जानकारी तो नहीं दी लेकिन इतना जरूर कहा है कि अमेरिकी फाइटर जेट, शिप और सर्विलांस टीम को इसके लिए लगाया जाएगा। इनका काम नैंसी की सुरक्षा को फुलप्रूफ बनाना होगा। अधिकारी का कहना है कि नैंसी इस सप्ताह कभी भी ताइवान जा सकती हैं। इसको देखते हुए अमेरिकी जनरल मार्क मिले ने अधिकारियों से एक खास बैठक भी ली है। मार्क का कहना है कि जब भी नैंसी ताइवान के दौरे पर जाएंगी उन्हें मिलिट्री सपोर्ट दिया जाएगा।
दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर विवाद
गौरतलब है कि अमेरिका और चीन के बीच ताइवान, हांगकांग, दक्षिण चीन सागर, उइगर विवाद, मानवाधिकार हनन और तकनीकी सेक्टर को काफी तनातनी है। चीन इनमें से किसी भी मसले को अन्य देश के क्षेत्राधिकार से अलग मानता है।
दक्षिण चीन सागर पर चीन का बयान
चीन साफतौर पर कह चुका है कि वो नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे का कड़ा विरोध करता है। इतना ही नहीं दक्षिण चीन सागर के मुद्दे पर कुछ दिन पहले ही चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने यहां तक कहा था कि दक्षिण चीन सागर कोई सफारी पार्क नहीं है, जहां कोई भी आ जाए और चला जाए।
बाइडन की चिंता
पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि नैंसी के ताइवान दौरे का ये सही समय नहीं है। उनका कहना था कि चीन लगातार धमकियां दे रहा है। उन्होंने यहां तक कहा था कि इस मुद्दे पर कोई भी गलती तनाव को चरम सीमा तक ले जा सकती है।

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