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    अब Meta में भी होगी छंटनी, 3500 से ज्यादा लोगों की जाएगी नौकरी; मार्क जुकरबर्ग ने क्यों लिया फैसला?

    Updated: Wed, 15 Jan 2025 09:21 AM (IST)

    माइक्रोसॉफ्ट के बाद अब मेटा ने भी कर्मचारियों की छंटनी का फैसला किया है। कंपनी ने ऐसे करीब 3600 कर्मचारियों की पहचान की है जिनकी वर्क परफॉर्मेंस काफी खराब है। मार्क जकरबर्ग ने कहा कि वह इनकी जगह नये लोगों की हायरिंग करेंगे। इसके पहले मेटा ने यूएस में अपना फैक्ट चेकिंग प्रोग्राम भी बंद कर दिया था। ले-ऑफ से कंपनी के महज 5 फीसदी कर्मचारी प्रभावित होंगे।

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    इस फैसले से कंपनी के महज 5 फीसदी कर्मचारी ही प्रभावित होंगे (फोटो: रॉयटर्स)

    एएफपी, सैन फ्रांसिस्को। फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी मेटा ने अपने करीब 3600 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फैसला कर लिया है। कंपनी ने अपने इंटरनल मेमो में इस बात का जिक्र किया है।

    इन सभी कर्मचारियों को उनकी खराब वर्क परफॉर्मेंस के कारण बाहर किया जाएगा। हालांकि इनकी जगह पर नये लोगों की हायरिंग की जाएगी। मार्क जकरबर्ग के इस फैसले से कंपनी के महज 5 फीसदी कर्मचारी ही प्रभावित होंगे।

    वर्क परफॉर्मेंस के आधार पर छंटनी

    सितंबर के आंकड़ों के मुताबिक, मेटा में करीब 72,400 कर्मचारी काम करते हैं। मार्क जकरबर्ग ने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा कि बेहतर टैलेंट मिलेगा और नये लोग कंपनी से जुड़ सकेंगे।

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    अमेरिकी कंपनियों में परफॉर्मेंस के आधार पर छंटनी एक सामान्य प्रक्रिया है। पिछले हफ्ते माइक्रोसॉफ्ट ने भी अपने वर्कफोर्स से 1 फीसदी लोगों की छंटनी की थी। ये सभी लोग खराब परफॉर्मेंस वाली लिस्ट में शामिल थे।

    मैंने कंपनी में मैनेजमेंट का स्तर बढ़ाने और खराब परफॉर्मेंस वाले कर्मचारियों को बाहर करने का फैसला किया है।

    - मार्क जकरबर्ग

    मेटा करेगी ले-ऑफ

    (फोटो: रॉयटर्स)

    रिपब्लिकन से बढ़ रही नजदीकी

    मेटा में ले-ऑफ की बात डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से कुछ दिन पहले ही सामने आई है। पिछले कुछ समय से मार्क जकरबर्ग की रिपब्लिकन नेताओं से नजदीकी बढ़ रही है।

    ट्रंप के साथ डिनर मीटिंग और मेटा के पब्लिक अफेयर्स हेड के तौर पर रिपब्लिकन को शामिल करना इसी नजदीकी के कारण है।

    फैक्ट चेकिंग टीम भी खत्म

    • पिछले हफ्ते जकरबर्ग ने यह भी एलान किया था कि वह यूएस में कंपनी का फैक्ट चेकिंग प्रोग्राम बंद कर रहे हैं। इस प्रोग्राम को कंजरवेटिव की तरफ से काफी आलोचना का सामना करना पड़ रहा था।
    • इस प्रोग्राम के तहत कंपनी अपने प्लेटफॉर्म पर फैल रही गलत सूचनाओं का फैक्ट चेक करती थी। लेकिन कंजरवेटिव आरोप लगाते थे कि उनकी आवाज पर सेंसरशिप लगाई जा रही है।
    • नये सिस्टम के तहत मेटा के यूजर अपने पोस्ट से साथ कॉन्टैक्स्ट भी जोड़ सकेंगे, जैसा एलन मस्क के स्वामित्व वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर होता है।
    • कंपनी ने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर कंटेट मॉडरेशन नियमों में भी ढील दे दी है।

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