Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लाइट सिगरेट पीने वाले हो जाएं सावधान, हो सकता है फेफड़ों का कैंसर

    By Sanjay PokhriyalEdited By:
    Updated: Thu, 31 May 2018 10:58 AM (IST)

    मशीन द्वारा विश्लेषण किया जाता है, तो लाइट सिगरेट के धुएं में रेगुलर सिगरेट के धुएं की तुलना में टार की मात्रा कम मिलती है।

    लाइट सिगरेट पीने वाले हो जाएं सावधान, हो सकता है फेफड़ों का कैंसर

    वॉशिंगटन [एजेंसी]। तंबाकू उद्योग लंबे समय से लाइट सिगरेट को नियमित सिगरेट की तुलना में 'स्वस्थ' विकल्प के रूप में पेश करता आया है। मगर, शोधकर्ताओं ने कहा कि इससे कोई स्वास्थ्य लाभ नहीं मिलता है। इसके बजाय फेफड़ों का कैंसर हो सकता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अमेरिकी शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया है कि तथाकथित माइल्ड या लाइट सिगरेट में टार का स्तर अपेक्षाकृत कम होता है, लेकिन यह अधिक नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने कहा कि इससे एडेनोकार्किनोमा में वृद्धि होती है, जो अब फेफड़ों के कैंसर का सबसे सामान्य प्रकार है।

    सिगरेट निर्माताओं ने पिछले छह दशकों में कम टार वाली सिगरेट पेश की हैं। इसके लिए उन्होंने सेल्यूलोज एसीटेट फिल्टर जैसे फीचर्स वाली सिगरेट्स पेश की, जो टार को ट्रैप कर सकती थीं। इसके अलावा पोरस सिगरे पेपर के इस्तेमाल की बात कही, जिससे जहरीले रसायनों आसानी से बाहर निकल सकते थे। सिगरेट के फिल्टर में वेंटिलेशन होल थे, जो धुंए को हवा के साथ मिलकर हल्का कर देते थे।

    कम टार के दावों के लिए वेंटिलेशन होल्स महत्वपूर्ण हैं। जब किसी मशीन द्वारा विश्लेषण किया जाता है, तो लाइट सिगरेट के धुएं में रेगुलर सिगरेट के धुएं की तुलना में टार की मात्रा कम होती है। अमेरिकी नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के दस्तावेज में कहा गया है कि एक मशीन यह भविष्यवाणी नहीं कर सकती कि धूम्रपान करने वाला कितने टार को ले रहा है।

    संस्थान ने यह संकेत दिया है कि अगर धूम्रपान करने वाला लंबी, गहरी पफ लेता है या ज्यादा सिगरेट पीता है, तो लाइट सिगरेट से होने वाला टार एक्सपोजर रेगुलर सिगरेट की तरह ही अधिक हो सकता है। ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी कॉम्प्रेहेंसिव कैंसर सेंटर एंड लंग मेडिकल ऑनकोलॉजी के उप निदेशक पीटर शील्ड्स ने कहा कि जहां तक फिल्टर में होल्स का मामला है, तो वह स्मोकर्स और पब्लिक हेल्थ कम्युनिटी को बेवकूफ बनाने के लिए है कि वे सुरक्षित हैं।

    शील्ड्स और उनके सहयोगियों द्वारा किया गया अध्ययन नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इसमें कहा गया है कि पिछले 20 वर्षों में यह देखा गया है कि वेंटिलेशन होल्स और लंग एडेनोकार्किनोमा के बीच स्पष्ट संबंध हैं।