Move to Jagran APP

UNHRC में कश्मीरी महिलाओं ने की पीएम मोदी की तारीफ, कहा- धारा 370 निरस्त होने के बाद तेजी से हुआ विकास

यूएनएचआरसी के 52वें सत्र में भाग लेने वाली दो कश्मीरी महिलाओं ने अपनी आपबीती सुनाते हुए पीएम मोदी की तारीफ की है। तस्लीमा अख्तर ने इसी के साथ कहा कि पिछले दो-तीन वर्षों में धारा 370 निरस्त होने के बाद कश्मीर में तेजी से विकास हुआ है।

By AgencyEdited By: Mahen KhannaPublished: Sat, 25 Mar 2023 05:32 AM (IST)Updated: Sat, 25 Mar 2023 05:32 AM (IST)
पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की तारीफ।

जिनेवा, एएनआइ। जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के 52वें सत्र में भाग लेने वाली दो कश्मीरी महिलाओं ने जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 (ए) हटाए जाने के बाद राज्य में तेजी से विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की प्रशंसा की है।

loksabha election banner

एक विशेष साक्षात्कार में, तस्लीमा अख्तर ने कहा कि मैं पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की शुक्रगुजार और आभारी हूं, जिन्होंने पिछले दो-तीन वर्षों में धारा 370 निरस्त होने के बाद कश्मीर में विकास किया है। इससे पहले, ऐसा कोई विकास नहीं हुआ था। मुझे लगता है कि उनके कारण बेरोजगारी भी दूर हो जाएगी। मैं भारत सरकार के विचारकों और सरकार को हम जैसे लोगों को बोलने का अवसर देने के लिए सलाम करती हूं।

पाकिस्तान कश्मीर में शांति भंग कर रहा 

संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर पर पाकिस्तान के बयान के बारे में पूछे जाने पर, अख्तर ने टिप्पणी की कि पाकिस्तान को धन की आवश्यकता है। इसके लिए वह कश्मीर के बारे में अन्य देशों के सामने झूठा प्रचार करता रहता है। उसने यह भी कहा कि वह कश्मीर से है और जमीनी स्तर पर स्थिति को जानती है। अख्तर ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर में शांति भंग कर रहा है।

तस्लीमा महिला सशक्तिकरण और आतंकी पीड़ितों के पुनर्वास के लिए काम करती हैं, जबकि एक अन्य कश्मीरी महिला बुशरा मजाजबीन एक आतंकी हमले का शिकार रह चुकी हैं। बुशरा ने कहा कि 2003 में मैं बहुत छोटी थी। उस साल कुछ आतंकवादी अचानक हमारे घर में घुस आए और मेरी बहन को निशाना बनाया। मैंने उनमें से एक को पकड़ लिया। तभी एक अन्य आतंकवादी ने मुझे गोली मार दी जिससे मैंने अपना एक हाथ खो दिया। अब एक हाथ से काम करना बहुत मुश्किल है।

कश्मीरी मानवाधिकार रक्षकों पर कार्रवाई बंद करे भारत

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की एक शीर्ष विशेषज्ञ ने शुक्रवार को भारत से कश्मीरी मानवाधिकार रक्षकों के खिलाफ कार्रवाई तुरंत बंद करने को और उनके खिलाफ शुरू की गई सभी जांचों को बंद कर रिहा करने का आग्रह किया है। मानवाधिकार रक्षकों पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत मैरी लालर ने टेरर फंडिंग मामले में जम्मू-कश्मीर सिविल सोसाइटी कार्यक्रम के समन्वयक खुर्रम परवेज को एनआइए द्वारा औपचारिक रूप से गिरफ्तार किए जाने पर यह टिप्पणी की। खुर्रम इस समय जेल में बंद है।

लालर ने कहा कि ऐसा लगता है कि भारतीय अधिकारी कश्मीरी समाज के लंबे समय से चले आ रहे दमन को तेज कर रहे हैं। उन्होंने एक बयान में कहा, ''राज्य को अपने मानवाधिकारों के दायित्वों का सम्मान करना चाहिए। परवेज नवंबर 2021 में एनआइए द्वारा अपनी गिरफ्तारी के बाद से देश विरोधी गतिविधियों के लिए जेल में है। उसे पिछले साल 13 मई को छह अन्य लोगों के साथ चार्जशीट किया गया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.