'निर्वासन पर रोक लगाने वाले जज पर चलना चाहिए महाभियोग', ट्रंप की मांग को US के चीफ जस्टिस ने किया खारिज
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि एक संघीय जज के खिलाफ महाभियोग चलाया जाना चाहिए। जिन्होंने अवैध प्रवासियों के निर्वासन को लेकर उनकी योजनाओं रोक लगाने की कोशिश की। ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर एक पोस्ट में अमेरिकी जिला जज जेम्स बोसबर्ग को एक अनिर्वाचित करार दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि जिला जज पर महाभियोग चलना चाहिए।
एजेंसी, वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि एक संघीय जज के खिलाफ महाभियोग चलाया जाना चाहिए, जिन्होंने अवैध प्रवासियों के निर्वासन को लेकर उनकी योजनाओं पर रोक लगाने का प्रयास किया।
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जान राबर्ट्स ने ट्रंप की इस मांग को खारिज कर दिया है। अमेरिका में कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच टकराव का यह एक असामान्य मामला सामने आया है।
चीफ जस्टिस ने जारी किया बयान
राबर्ट्स ने एक बयान में कहा कि दो सदियों से ज्यादा समय से यह स्थापित है कि न्यायिक निर्णय के संबंध में असहमति के लिए महाभियोग उचित प्रतिक्रिया नहीं है। आमतौर पर चीफ जस्टिस इस तरह बयान जारी नहीं करते।
ट्रंप ने कही थी महाभियोग चलाने की बात
इससे पहले ट्रंप ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म ट्रूथ सोशल पर एक पोस्ट में अमेरिकी जिला जज जेम्स बोसबर्ग को एक अनिर्वाचित उपद्रवी और आंदोलन कारी करार दिया और कहा कि उन पर महाभियोग चलना चाहिए। ट्रंप ने शनिवार को देश में अवैध रूप से रह रहे लेागों के निर्वासन में तेजी लाने के लिए 18वीं सदी के कानून का उपयोग करने की घोषणा की थी।
इसके कुछ घंटे बाद ही बोसबर्ग ने इस पर अस्थायी रोक लगाने का आदेश जारी किया था। राबर्ट्स ने 2018 में भी इसी तरह संघीय न्यायपालिका की स्वतंत्रता और अखंडता का बचाव किया था। उस समय भी ट्रंप राष्ट्रपति रहे और अपनी एक नीति के खिलाफ फैसला सुनाने पर एक जज को ओबामा जज कहा था।
25 हजार कर्मचारी किए जा रहे बहाल
समाचार एजेंसी रायटर के अनुसार, ट्रंप प्रशासन ने कोर्ट में दाखिल एक जवाब में पहली बार माना कि उसने करीब 25 हजार कर्मचारियों को बर्खास्त किया। एक जज के आदेश के बाद संघीय एजेंसियां इन सभी कर्मचारियों को बहाल करने पर काम कर रही हैं।
प्रशासन ने सोमवार को बाल्टीमोर के संघीय कोर्ट में यह जवाब दाखिल किया। अमेरिकी जिला जज जेम्स ब्रेडर ने 13 मार्च को इन कर्मचारियों की छंटनी को संघीय नियमों का उल्लंघन करार दिया और इनको बहाल करने का निर्देश दिया।
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