बाइडन बोले- सीरिया में हवाई हमला ईरान के लिए चेतावनी, मिलिशिया को समर्थन देने के भुगतने होंगे परिणाम
अमेरिका ने सीरिया में एयर स्ट्राइक करते हुए वहां मौजूद ईरान समर्थित विद्रोही ग्रुप मिलिशिया के ठिकानों को तहस नहस कर दिया है। मिलिशिया ने 15 फरवरी को ईराक स्थित अमेरिका और गठबंधन के सैन्य अड्डों पर मिसाइलों से हमला किया था।
वाशिंगटन, एजेंसियां। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि सीरिया में एयर स्ट्राइक (हवाई हमला) ईरान के लिए सीधे-सीधे चेतावनी है। उसको अब यह समझ लेना चाहिए कि मिलिशिया को समर्थन देने के परिणाम ईरान को भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका और गठबंधन देशों के सैनिकों की सुरक्षा के मामले में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति बोले, 'आप गलत नीतियों के साथ आगे नहीं बढ़ सकते, सावधान रहें।'
ज्ञात हो कि अमेरिका ने सीरिया में एयर स्ट्राइक करते हुए वहां मौजूद ईरान समर्थित विद्रोही ग्रुप मिलिशिया के ठिकानों को तहस नहस कर दिया है। मिलिशिया ने 15 फरवरी को ईराक स्थित अमेरिका और गठबंधन के सैन्य अड्डों पर मिसाइलों से हमला किया था।
अमेरिका के रक्षा मुख्यालय पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि एयरफोर्स के एफ 15 ई युद्धक विमानों से सात मिसाइलें दागी हैं, जिनमें मिलिशिया के नौ ठिकानों को तबाह किया गया। ये सभी ईराक-सीरिया सीमा पर थे। इस हमले को अमेरिका ने रक्षात्मक कदम बताया है।
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने बताया कि पिछले दस दिनों से अमेरिकी ठिकानों और लोगों पर हमले किए जा रहे थे। जिनमें से कुछ में लोग मरे और घायल हुए। हमारा हमला नियोजित और सीमित था। इस हमले में मिलिशिया ग्रुप ने कहा है कि उसके 22 लड़ाके मारे गए हैं। हालांकि इस रिपोर्ट की पुष्टि नहीं हुई है।
रो खन्ना ने किया हमले का विरोध
इधर भारतीय-अमेरिकी डेमोक्रेटिक सांसद रो खन्ना ने हमले का विरोध किया है। रो खन्ना ने कहा कि जो बाइडन पश्चिम एशिया में हमले का आदेश देने वाले सातवें राष्ट्रपति बन गए हैं। उन्होंने कहा कि बिना संसद की मंजूरी के हमले को आत्मरक्षा में किया जाना कतई न्याय संगत नहीं कहा जा सकता। हम न खत्म होने वाले युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं।
ईरान ने कहा, सीरिया को समर्थन जारी रहेगा
ईरान के विदेश मंत्री मुहम्मद जवाद शरीफ ने कहा है कि वह सीरिया को अपना समर्थन जारी रखेगा। शरीफ ने सीरिया के विदेश मंत्री फैसल मेकदाद से ईरान की मंशा को स्पष्ट करते हुए कहा कि अरब देशों के हितों,स्वतंत्रता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा की जाएगी।