Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बाइडन ने 39 लोगों को किया माफ; बांग्लादेश में हिंदुओं के नरसंहार की अमेरिकी सीनेट में भी गूंज; पढ़ें दुनिया की अहम खबरें

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Fri, 13 Dec 2024 05:30 AM (IST)

    अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कोरोना महामारी के दौरान जेल से रिहा कर घर में नजरबंद किए गए 1500 कैदियों की सजा कम कर दी है और अहिंसक अपराधों के लिए दोषी ठहराए गए 39 लोगों को माफी दे दी है।वहींएक सांसद ने गुरुवार को ताकतवर अमेरिकी सीनेट की विदेशी संबंध समिति से अपील की कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों विशेषकर हिंदुओं के खिलाफ हुई हिंसा के मामले पर कदम उठाएं।

    Hero Image
    बाइडन ने 39 लोगों को किया माफी, पढ़ें दुनिया की अहम खबरें (फाइल फोटो)

    एपी, वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कार्यकाल पूरा होने से पहले एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान जेल से रिहा कर घर में नजरबंद किए गए 1,500 कैदियों की सजा कम कर दी है और अहिंसक अपराधों के लिए दोषी ठहराए गए 39 लोगों को माफी दे दी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आधुनिक इतिहास में एक दिन में की गई सबसे बड़ी क्षमादान की घोषणा

    आधुनिक इतिहास में एक दिन में की गई यह सबसे बड़ी क्षमादान की घोषणा है। बाइडन ने सजा कम करने की घोषणा करते हुए कहा कि यह आदेश उन लोगों पर लागू होगा, जिन्होंने रिहा होने के बाद कम से कम एक साल तक घर में नजरबंद रहने की सजा काटी है।

    वह आने वाले हफ्तों में और कदम उठाएंगे और क्षमादान याचिकाओं की समीक्षा करना जारी रखेंगे। अमेरिकी इतिहास में क्षमादान की दूसरी सबसे बड़ी कार्रवाई बराक ओबामा के शासनकाल में हुई थी। उन्होंने 2017 में कार्यकाल समाप्त होने से पहले 330 आरोपितों को क्षमादान दिया था।

    बाइडन ने अपने बेटे हंटर को व्यापक क्षमादान दिया था

    हाल ही में उन्होंने अपने बेटे हंटर को व्यापक क्षमादान दिया था। बाइडन इस पर भी विचार कर रहे हैं कि क्या उन लोगों को अग्रिम क्षमादान जारी किया जाए जिन्होंने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों को पलटने के ट्रंप के प्रयास की जांच की थी और उनके पद संभालने पर संभावित प्रतिशोध का सामना कर सकते हैं।

    महात्मा गांधी की माला को नहीं मिला खरीदार

    दांडी मार्च के दौरान महात्मा गांधी द्वारा पहनी गई एक माला को खरीदार नहीं मिल सका। यह मार्च भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए सबसे सफल अभियानों में से एक था। लंदन के लायन एंड टर्नबुल नीलामी घर में बुधवार को यह हार बिक्री के लिए रखा गया था। शुरुआती बोली 20 से 30,000 पाउंड (21 से 32 लाख रुपये) रखी गई थी।

    ऐसा कहा जाता है कि जब दांडी मार्च गांधी के निजी चिकित्सक डॉ. बलवंतराय एन कनुगा के अहमदाबाद स्थित घर के पास से गुजरा तो माला उनकी पत्नी नंदूबेन कनुगा ने भेंट की थी। नीलामी घर से जुड़ी क्रिस्टीना सैन ने कहा कि आश्चर्य है कि माला को खरीदार नहीं मिला। हमें काफी रुचि है और हम इसे सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को बेचने की उम्मीद करते हैं।

    यह माला गुलाबी कपड़े, कार्ड, सोने के धागे, सेक्विन और गुजराती में लिखे मुड़े हुए कागज के आवरण से बनी है। नीलामी के दौरान माला के साथ एक तस्वीर भी रखी गई थी। तस्वीर में नंदूबेन को महात्मा गांधी के गले में माला डालते दिखाया गया है। कैप्शन में लिखा है गांधीजी नंदूबेन कनुगा, दांडी मार्च के दिन, 12 मार्च 1930।

    बांग्लादेश में हिंदुओं के नरसंहार की अमेरिकी सीनेट में भी गूंज

    एक भारतीय-अमेरिकी कांग्रेस सांसद ने गुरुवार को ताकतवर सीनेट की विदेशी संबंध समिति से अपील की कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों विशेषकर हिंदुओं के खिलाफ हुई हिंसा के मामले पर कदम उठाएं। यह मांग सीनेटर मार्को रूबियो को विदेश मंत्री बनाए जाने के फैसले को सुनिश्चित करने की सुनवाई के दौरान की।

    नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सांसद मार्को रूबियो को सबसे बड़े राजनयिक पद पर नियुक्त करने के लिए नामांकित किया है, हालांकि इसके लिए अभी तक तारीख तय नहीं हुई है।

    गुरुवार को भारतीय-अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि सांसद मार्को रूबियो को अगला विदेश मंत्री तय करने की सुनवाई वाले दिन बांग्लादेश में फैली अव्यवस्था के बीच हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों को लगातार निशाना बनाकर उनके खिलाफ की जा रही हिंसा को लेकर मैं विदेश संबंधों की सीनेट कमेटी से इस समस्या के समाधान का आग्रह करता हूं।

    ठोस कार्रवाई के कदम उठाने का संकल्प लेना चाहिए

    कृष्णमूर्ति ने कहा कि बांग्लादेश के हालात पर सार्वजनिक रूप से चर्चा करके, सांसद रूबियो को इस मुद्दे पर आने वाली सरकार के रुख की पुष्टि करनी चाहिए। इसके साथ ही बांग्लादेश में हिंदू विरोधी हिंसा से निपटने के लिए ठोस कार्रवाई के कदम उठाने का संकल्प लेना चाहिए।

    यह भी पढ़ें- ट्रंप के क्रिप्टो उद्यम ने हमास-हिजबुल्ला से जुड़े प्लेटफॉर्म के साथ की साझेदारी, विशेषज्ञों ने जताई चिंता