जनवरी-6 पैनल की रिपोर्ट में ट्रंप के 'षड्यंत्र' का खुलासा, न्याय विभाग से की चार अपराधों के जांच की सिफारिश
यूएस कैपिटल पर हमले की जांच करने वाली कमेटी ने डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की सिफारिश की है। कमेटी ने डोनाल्ड ट्रंप को हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि पूर्व राष्ट्रपति ने इस रिपोर्ट पर ही संदेह जताया है।
वॉशिंगटन, एपी। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ असाधारण 18 महीने की जांच और दो साल पहले हुए हिंसक विद्रोह पर हाउस जनवरी 6 समिति की अंतिम रिपोर्ट सामने आ चुकी है। इसमें दावा किया गया है कि ट्रंप आपराधिक रूप से 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के वैध परिणामों को पलटने के लिए 'मल्टी-पार्ट कॉन्सपिरेसी' में लगे हुए थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वह अपने समर्थकों को कैपिटल पर हमला करने से रोकने में विफल रहे। पैनल ने 1,000 से अधिक गवाहों के साक्षात्कार, 10 सुनवाई करने और लाखों पन्नों के दस्तावेज हासिल करने के बाद गुरुवार को 814 पन्नों की रिपोर्ट जारी की। गवाहों में ट्रंप के कई करीबी सहयोगियों से लेकर कानून प्रवर्तन और स्वयं कुछ दंगाइयों तक शामिल रहे हैं।
कैपिटल की खिड़कियों और दरवाजे तोड़े गए थे
इसमें विद्रोह से पहले के हफ्तों में ट्रंप की कार्रवाइयों को विस्तृत रूप से बताया गया है। उनकी हार को पलटने के लिए उनके व्यापक दबाव अभियान ने सीधे तौर पर उन लोगों को प्रभावित किया, जिन्होंने क्रूरता से पुलिस को पीछे धकेला और 6 जनवरी 2021 को कैपिटल की खिड़कियों और दरवाजों को तोड़ा गया।
ट्रंप ने खतरे में डाल दिया था लोकतंत्र- रिपोर्ट में
रिपोर्ट में कहा गया है, '6 जनवरी की घटना का मुख्य कारण एक व्यक्ति पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप थे, जिसका कई अन्य लोगों ने अनुसरण किया।' नौ सदस्यीय पैनल ने निष्कर्ष निकाला, '6 जनवरी की कोई भी घटना उसके बिना नहीं होती। विद्रोह ने लोकतंत्र और अमेरिकी सांसदों के जीवन को खतरे में डाल दिया था।'
डोनाल्ड ट्रंप ने रिपोर्ट पर जताया संदेह
सोमवार को, सात डेमोक्रेट्स और दो रिपब्लिकन के पैनल ने आधिकारिक तौर पर न्याय विभाग को अपनी जांच सौंपी। इसमें चार अपराधों पर पूर्व राष्ट्रपति की जांच करने की सिफारिश की है, जिसमें एक विद्रोह का समर्थन भी शामिल था। ट्रंप ने समिति के सदस्यों को "ठग और बदमाश" बताते हुए रिपोर्ट पर संदेह जताने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि 2020 के उनके नुकसान पर झूठा विवाद खड़ा किया गया है।
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