Jamal Khashoggi murder case: सऊदी प्रिंस पर प्रतिबंध की मांग बाइडन प्रशासन ने ठुकराई
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह गुरुवार को पुरोहित की अपील पर सुनवाई करेगी। बता दें कि उच्च न्यायालय ने 25 फरवरी को पुरोहित को गिरफ्तारी से सुरक्षा देने से इनकार कर दिया था।

वाशिंगटन, एएनआइ। पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के मामले में अमेरिका के निचले सदन में एक विधेयक पेश किया गया है, जिसमें सऊदी प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है। यह विधेयक सांसद इल्हान उमर ने रखा। अमेरिकी प्रशासन ने प्रतिबंध लगाने की मांग को ठुकरा दिया।
डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस (ओडीएनआइ) के कार्यालय की एक गोपनीय रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की गई थी कि पत्रकार खशोगी की हत्या में सऊदी प्रिंस का हाथ है। रिपोर्ट शुक्रवार को उजागर हुई थी।
मिनेसोटा से डेमोक्रेटिक सांसद इल्हान उमर ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह हमारी मानवता की परीक्षा है। उन्होंने कहा सऊदी प्रिंस पर अमेरिका को प्रतिबंध लगाने चाहिए।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और विदेश मंत्रालय ने सऊदी प्रिंस को सजा देने की मांग को ठुकरा दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि हम संबंधों को मजबूत करने का काम कर रहे हैं, न कि तोड़ने का।
बता दें कि अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट आने के बाद सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी की मंगेतर हैविस केंगिज ने सोमवार को सऊदी क्राउन प्रिंस को बिना देर किए दंडित किए जाने की मांग की थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि सऊदी अरब के राजकुमार सलमान बिन मोहम्मद ने ही निर्वासन में रह रहे खशोगी की हत्या की साजिश को मंजूरी दी थी। यह पहली बार था, जब अमेरिकी प्रशासन ने खुले तौर पर खशोगी की हत्या में सलमान बिन मोहम्मद का नाम लिया हो। उधर, सऊदी अरब ने इस रिपोर्ट को खारिज किया था। इसे बेबुनियाद बताया था। खशोगी को लेकर अमेरिका और सऊदी के रिश्तों पर भी आंच आ सकती है।

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