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    Iran Israel War: ईरान-इजरायल की लड़ाई में रफाह में बहेगा रक्त! 14 लाख बेघर फलस्तीनी बनेंगे बलि का बकरा बन

    Updated: Thu, 18 Apr 2024 11:55 PM (IST)

    इजरायल और ईरान की तनातनी में रफाह में रह रहे करीब 14 लाख बेघर फलस्तीनी बलि का बकरा बन सकते हैं। अमेरिका ने ईरान पर जवाबी हमला न करने की शर्त पर इजरायल को गाजा पट्टी के रफाह क्षेत्र में हमले की अनुमति देने का प्रस्ताव रखा है। गुरुवार को इस हमले की रूपरेखा पर विचार के लिए अमेरिका और इजरायल के अधिकारियों की वर्चुअल बैठक भी हुई है।

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    रफाह पर इजरायली कार्रवाई को भी हरी झंडी देने पर हो रह बात। (फाइल फोटो)

    रॉयटर्स, वॉशिंगटन। इजरायल और ईरान की तनातनी में रफाह में रह रहे करीब 14 लाख बेघर फलस्तीनी बलि का बकरा बन सकते हैं। अमेरिका ने ईरान पर जवाबी हमला न करने की शर्त पर इजरायल को गाजा पट्टी के रफाह क्षेत्र में हमले की अनुमति देने का प्रस्ताव रखा है। गुरुवार को इस हमले की रूपरेखा पर विचार के लिए अमेरिका और इजरायल के अधिकारियों की वर्चुअल बैठक भी हुई है।

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    इतना ही नहीं इजरायल को संतुष्ट करने के लिए अमेरिका, यूरोपीय संघ और जी 7 ने ईरान पर नए कड़े प्रतिबंध लगाने का भी वचन दिया है। इस वचन के तहत ईरान पर नए प्रतिबंधों की शुरुआत गुरुवार को हो गई। इसके बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान पर हमले का निर्णय टालने का संकेत दिया है।

    इजरायल से ईरान पर बड़ा हमला न करने का अनुरोध

    इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इजरायल से ईरान पर बड़ा हमला न करने का अनुरोध किया। इजरायल यह हमला रविवार रात हुए ईरान के 300 से ज्यादा ड्रोन और मिसाइल हमले के जवाब में करने की योजना बना रहा है और ईरान उसका कड़ा जवाब देने की तैयारी में है। इससे गाजा युद्ध के चलते क्षेत्र में पहले से बढ़े तनाव में स्थिति विस्फोटक होने की आशंका है। इसी के चलते पूरा विश्व इजरायल और ईरान से संयम बरतने की अपील कर रहा है।

    अमेरिका के आठ सैन्य ठिकानों के पर पैदा हो जाएगा खतरा

    इजरायल और ईरान के बीच युद्ध छिड़ने पर क्षेत्र में स्थित अमेरिका के आठ सैन्य ठिकानों के लिए खतरा पैदा हो जाएगा। उन ठिकानों पर हमला होने की स्थिति में युद्ध में अमेरिका को भी शामिल होना पड़ सकता है जिससे विश्वयुद्ध की स्थितियां बन सकती हैं। इस स्थिति से बचाव के लिए ही ईरान पर कड़े प्रतिबंधों की कार्रवाई कर इजरायल को संतुष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है।

    रफाह पर इजरायली कार्रवाई को भी हरी झंडी देने पर बात

    साथ ही रफाह पर इजरायली कार्रवाई को भी हरी झंडी देने पर बात हो रही है। रफाह में जमीनी कार्रवाई के लिए बीते डेढ़ महीने से इजरायल कोशिश कर रहा है लेकिन भीषण खूनखराबे की आशंका से अमेरिका और सहयोगी यूरोपीय देश उसे लगातार रोक रहे हैं। ईरान के हमले के बाद अब अमेरिका किसी भी कीमत पर इजरायल को जवाब देने से रोकना चाहता है, इसलिए निहत्थे फलस्तीनियों को उसकी कीमत चुकानी होगी।

    अमेरिका और ब्रिटेन ने ईरान पर लगाए प्रतिबंध

    इजरायल पर हमला करने के लिए अमेरिका और ब्रिटेन ने गुरुवार को ईरान पर नए प्रतिबंध लगा दिए। अमेरिका ने ईरान को मानवरहित विमानों के निर्माण में काम आने वाली सामग्री के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। इससे ईरान का ड्रोन और मिसाइल कार्यक्रम प्रभावित होगा। इसके अतिरिक्त अमेरिका ने ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड फोर्स, ईरानी रक्षा मंत्रालय और ईरान सरकार के 600 से ज्यादा प्रमुख अधिकारियों और कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगाए हैं। इनकी ईरान से बाहर की संपत्ति जब्त की जाएगी और उनकी देश से बाहर यात्रा पर प्रतिबंध लग गया है।

    ब्रिटेन ने सात लोगों और छह कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए

    ब्रिटेन ने सात लोगों और छह कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। जिन पर प्रतिबंध लगा है वे इजरायल पर हमले के लिए प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से जिम्मेदार थे। विदित हो कि ईरान परमाणु हथियार विकसित करने के प्रयास में पहले से ही कड़े अमेरिकी प्रतिबंध झेल रहा है।

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