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    विश्व में सबसे तेजी से बढ़ रही है भारतीय अर्थव्यवस्था, चीन को दे रहा कड़ी टक्कर: आईएमएफ

    By AgencyEdited By: Mohd Faisal
    Updated: Wed, 12 Apr 2023 07:23 AM (IST)

    अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है और दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनी हुई है। आईएमएफ के एशिया और प्रशांत विभाग की उप निदेशक ऐनी-मैरी गुल्डे-वुल्फ ने ये बात कही।

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    विश्व में सबसे तेजी से बढ़ रही है भारतीय अर्थव्यवस्था- IMF (फाइल फोटो)

    वाशिंगटन, एजेंसी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है और दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनी हुई है। आईएमएफ के एशिया और प्रशांत विभाग की उप निदेशक ऐनी-मैरी गुल्डे-वुल्फ ने एक इंटरवयू में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है और सबसे तेजी से बढ़ती एशियाई अर्थव्यवस्था बनी हुई है और दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।

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    वित्त वर्ष 2023-24 में 5.9 प्रतिशत होगी विकास दर

    आईएमएफ के एशिया और प्रशांत विभाग की उप निदेशक ऐनी-मैरी गुल्डे-वुल्फ ने कहा कि हमने हाल के आंकड़ों को शामिल करने के लिए अपने अनुमानों को संशोधित किया है। जो इस साल की शुरुआत में जारी किए गए थे। इस जानकारी के आधार पर अब हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2023-24 में विकास दर 5.9 प्रतिशत होगी, जो हमारे पिछले अनुमान 6.1 से थोड़ी कम है।

    क्या बोलीं एशिया और प्रशांत विभाग की उप निदेशक ऐनी-मैरी

    गुल्डे-वुल्फ ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वास्तव में खपत बढ़ने में अपेक्षित मंदी के कारण वृद्धि अनुमानों में थोड़ी कमी की गई है। उन्होंने आगे कहा कि आईएमएफ वृद्धि के मुख्य चालक के रूप में निवेश को देखता है। यह दो अंक में ऋण वृद्धि, मजबूत पीएमआई और एक महत्वाकांक्षी सरकारी व्यय कार्यक्रम से स्पष्ट है।

    2023 में 5.2 प्रतिशत रह सकती है चीन की वृद्धि दर

    आईएमएफ के मुताबिक, चीन की वृद्धि दर 2023 में 5.2 प्रतिशत और 2024 में 4.5 प्रतिशत रह सकती है। इसकी वृद्धि दर 2022 में तीन प्रतिशत थी। आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरिनचास ने कहा कि आपूर्ति-श्रृंखला की रुकावटें और युद्ध के कारण ऊर्जा तथा खाद्य बाजारों में पैदा हुई बाधाएं भी कम हो रही है।

    इस साल सात प्रतिशत रहेगी मुद्रास्फीति

    आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरिनचास ने कहा कि इसके साथ ही ज्यादातर केंद्रीय बैंकों द्वारा की गई मौद्रिक सख्ती का फल मिलना शुरू हो जाना चाहिए। साथ ही मुद्रास्फीति अपने लक्ष्यों की ओर वापस आ रही है। उन्होंने कहा कि आईएमएफ के ताजा अनुमानों के मुताबिक वैश्विक वृद्धि दर इस साल 2.8 प्रतिशत और 2024 में तीन प्रतिशत रहेगी। साथ ही मुद्रास्फीति भी 2022 के 8.7 प्रतिशत से घटकर इस साल सात प्रतिशत और 2024 में 4.9 प्रतिशत रह सकती है।