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    अमेरिका में फलस्तीन का समर्थन करना भारतवंशी छात्रा को पड़ा भारी, विश्वविद्यालय ने की कार्रवाई

    मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी (एमआइटी) ने भारतवंशी छात्रा मेघा वेमुरी को फलस्तीन के समर्थन में भाषण देने के कारण दीक्षा समारोह में भाग लेने से रोक दिया। वेमुरी ने गाजा में युद्ध का विरोध किया और इजरायल के साथ विश्वविद्यालय के संबंधों की आलोचना की थी। एमआइटी प्रशासन ने अपने फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि वे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन करते हैं लेकिन वेमुरी को डिग्री मिलेगी।

    By Agency Edited By: Mahen Khanna Updated: Mon, 02 Jun 2025 04:56 PM (IST)
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    MIT Palestine speech controversy भारतवंशी छात्रा मेघा वेमुरी पर कार्रवाई। (फाइल फोटो)

    पीटीआई, न्यूयॉर्क। मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी (एमआइटी) ने एक भारतीय मूल की छात्रा मेघा वेमुरी को दीक्षा समारोह में भाग लेने से रोक दिया, क्योंकि उन्होंने फलस्तीन के समर्थन में एक भाषण दिया था जो विश्वविद्यालय द्वारा अनुमोदित भाषण से भिन्न था।

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    वेमुरी ने बताया कि उनके भाषण के बाद विश्वविद्यालय के वरिष्ठ नेतृत्व ने उन्हें सूचित किया कि उन्हें शुक्रवार के दीक्षा समारोह में भाग लेने की अनुमति नहीं है। कार्यक्रम समाप्त होने तक उन्हें परिसर में जाने से रोक दिया गया। स्कूल के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की। एमआइटी प्रशासन ने कहा कि वे वेमुरी को दी गई सजा पर कायम हैं।

    एमआइटी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन करता है, लेकिन अपने फैसले पर कायम है। उन्होंने कहा कि वेमुरी को उसकी डिग्री मिल जाएगी। जार्जिया में पली-बढ़ी वेमुरी गुरुवार को मैसाचुसेट्स में वनएमआइटी के दीक्षा समारोह में एक वक्ता थीं, जहां उन्होंने अपने स्नातक समारोह के गाउन पर केफियेह लपेटकर मंच संभाला।

    इसे फलस्तीनी समर्थकों के लिए एकजुटता का प्रतीक माना जाता है। उन्होंने गाजा में युद्ध का विरोध करने के लिए अपने साथियों की प्रशंसा की और विश्वविद्यालय के इजरायल के साथ संबंधों की आलोचना की।