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    न्यूयॉर्क सब-वे घोटाले में भारतवंशी ने कुबूला गुनाह, हो सकती है 20 साल की सजा

    By Monika MinalEdited By:
    Updated: Tue, 17 Mar 2020 06:05 PM (IST)

    MTA नियमों के अनुसार नई कंपनी का गठन नहीं किया जा सकता था इसलिए पटेल ने कंपनी को अपने बच्‍चों के नाम पर दर्ज कराया और बाद में एक मित्र के नाम पर ट्रांसफर कर दिया।

    न्यूयॉर्क सब-वे घोटाले में भारतवंशी ने कुबूला गुनाह, हो सकती है 20 साल की सजा

    न्यूयॉर्क, प्रेट्र। अमेरिका  (America)  न्यूजर्सी इलाके में रहने वाले भारतीय मूल के परेश पटेल (Paresh Patel)  ने सोमवार को न्यूयॉर्क सब-वे घोटाले से जुड़ी जांच में बाधा डालने और धोखाधड़ी का गुनाह स्वीकार कर लिया है। मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्टेशन अथॉरिटी (MTA)  के पूर्व मैनेजर पटेल ने गत फरवरी में संघीय अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। अभियोजन पक्ष के मुताबिक 59 साल के पटेल को इस मामले में 20 साल तक की सजा हो सकती है।

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    वर्ष 2013 में आए भीषण चक्रवाती तूफान सैंडी (Cyclone Sandy) ने न्यूयॉर्क में बड़ी तबाही मचाई थी। इस दौरान कई सब-वे क्षतिग्रस्त हो गए थे। इनकी मरम्मत के लिए एमटीए को ठेके देने थे। पटेल एमटीए के प्रोग्राम मैनेजर थे और ठेके देने में उनकी प्रमुख भूमिका थी।

    जून, 2014 में पटेल और अथॉरिटी के एक अन्य कर्मचारी ने मिलकर सतकीर्ति कंसल्‍टिंग इंजीनियरिंग (Satkirti Consulting Engineering) कंपनी बनाई।  फरवरी 2015 में सत्‍कृति को सब कंट्रैक्‍टर के तौर पर सबवे जोरालेमन ट्यूब सबवे (Joralemon Tube subway) का मरम्‍मत का काम सौंपा गया। सत्‍कृति में जिन टेक्‍निकल कर्मचारियों को यह काम देखना था।  वे सब पटेल के मित्र थे जिनके पास इंजीनियरिंग का न तो कोई क्‍वालिफिकेशन था ना ही बैक ग्राउंड। इसके अलावा पटेल ने कंपनी का इमेल अकाउंट भी बनाया और यहां के कर्मचारियों को इमेल में क्‍या लिखना है यह भी बताया। 2016 में इस कंट्रैक्‍ट के मामले की जांच शुरू हुई। इसके तुरंत बाद पटेल ने इमेल डिलीट करना शुरू कर दिया।

    कर्मचारियों से जुड़ी कंपनी को ठेके नहीं मिलने के कारण दोनों ने कंपनी का पंजीकरण पहले अपने बच्चों के नाम कराया और बाद में उसका मालिकाना हक अपने एक दोस्त को स्थानांतरित कर दिया था। वर्ष 2016 में इस गोलमाल का पता चलने पर मामले की जांच शुरू की गई थी। 

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