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    नौकरी-घर से निकाला, खाने में दिया जहर... अमेरिका में भारतीय इंजीनियर की हत्या से पहले क्या-क्या हुआ?

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 11:42 AM (IST)

    अमेरिका में भारतीय इंजीनियर मोहम्मद निजामुद्दीन की हत्या विवादों में है। पुलिस ने उसे रूममेट पर हमले के दौरान गोली मार दी। निजामुद्दीन ने नस्लीय नफरत का शिकार होने का आरोप लगाया था। उसने लिंक्डइन पर पोस्ट कर नौकरी से गलत तरीके से निकाले जाने और प्रताड़ना की बात कही थी।

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    मोहम्मद निजामुद्दीन ने लिंक्डइन पर अपना दर्द बयां किया था (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका में भारतीय इंजीनियर की हत्या का मामला अब विवादों में घिरता जा रहा है। भारतीय टेक इंजीनियर मोहम्मद निजामुद्दीन की अमेरिकी पुलिस ने गोली मारकर उस समय हत्या कर दी, जब उसने रूममेट पर चाकू से हमला कर दिया था। शुरुआत में यह मामला केवल क्राइम का लग रहा था, लेकिन अब परत दर परत कहानी खुलकर सामने आ रही है।

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    मोहम्मद निजामुद्दीन ने खुद को नस्लीय नफरत का शिकार बताया था। उसने कहा था कि उसे नौकरी से गलत तरीके से निकाल दिया गया और जांच करने वाले अधिकारी ने भी उसे प्रताड़ित किया। मोहम्मद निजामुद्दीन ने लिंक्डइन पर अपना दर्द बयां किया था और लोगों से अपने लिए न्याय की मांग की थी।

    कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री ली थी

    मोहम्मद निजामुद्दीन तेलंगाना के महबूबनगर का रहने वाला था। उसने फ्लोरिडा के एक कॉलेज से कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री ली थी और कैलिफोर्निया के सांता क्लारा में एक टेक फर्म में काम करता था। उसके परिवार का कहना है कि वह बेहद शांत और धार्मिक स्वभाव वाला व्यक्ति था। निजामुद्दीन ने एक लिंक्डइन पोस्ट में लिखा था कि वह नस्लीय नफरत, भेदभाव, नस्लीय प्रताड़ना, शोषण, वेतन धोखाधड़ी, गलत तरीके से नौकरी से निकाले जाने का शिकार हुआ है।

    उसने लिखा, 'मैंने अपनी सभी मुश्किलों के खिलाफ आवाज उठाने का फैसला किया है। अब बहुत हो गया। श्वेत वर्चस्व और नस्लवादी अमेरिकी सोच को खत्म होना चाहिए। कॉर्पोरेट तानाशाही का अंत होना चाहिए और इसमें शामिल सभी लोगों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।' निजामुद्दीन ने बताया था कि वह EPAM सिस्टम्स नाम की कंपनी में काम करता है, जो गूगल को अपनी सेवाएं देती है। लेकिन कंपनी में उसके साथ नस्लभेद किया जाता है।

    खाने में मिलाया गया जहर

    निजामुद्दीन ने आरोप लगाया कि कंपनी ने उसे लेबर डिपार्टमेंट के नियमों के तहत सैलरी नहीं दी और उसे गलत तरीके से नौकरी से निकाल दिया गया। नौकरी जाने के बाद भी डिटेक्टिव और उसकी टीम द्वारा नस्लभेदी प्रताड़ना जारी रही। स्थिति तब और खराब हो गई, जब निजामुद्दीन के खाने में जहर मिला दिया गया और बाद में उसे घर से भी निकाल दिया गया।

    निजामुद्दीन ने पोस्ट में लिखा कि आज यह मेरे साथ हो रहा है, कल यह किसी के भी साथ हो सकता है। इसलिए मैं दुनिया से अपील करता हूँ कि शामिल लोगों के जुल्म और गलत कामों के खिलाफ न्याय की मांग करें। निजामुद्दीन के परिवार ने उसके शव को भारत लाने के लिए विदेश मंत्रालय से मदद मांगी है।

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