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    भारतीय अर्थव्यवस्था के ल‍िए अच्‍छा रहेगा अगला साल, 2024 में इकोनॉमी के 6.7 प्रत‍िशत बढ़ने की उम्मीद: UN

    By AgencyEdited By: Vinay Saxena
    Updated: Wed, 17 May 2023 07:35 PM (IST)

    संयुक्त राष्ट्र की 2023 के मध्य तक वैश्विक आर्थिक स्थिति और संभावनाएं रिपोर्ट कहती है कि भारत कैलेंडर वर्ष 2023 में 5.8 प्रतिशत और कैलेंडर वर्ष 2024 में 6.7 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर्ज करेगा। भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत घरेलू मांग से समर्थन मिलेगा।

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    यूएन ने कहा- भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में होगा।

    संयुक्त राष्ट्र, पीटीआई। घरेलू मांग मजबूत रहने से कैलेंडर वर्ष 2024 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में होगा। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ऊंची ब्याज दरों और कमजोर बाहरी मांग से इस साल देश का निवेश और निर्यात प्रभावित होगा।

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    UN ने जारी की र‍िपोर्ट

    मंगलवार को जारी संयुक्त राष्ट्र की '2023 के मध्य तक वैश्विक आर्थिक स्थिति और संभावनाएं' रिपोर्ट कहती है कि भारत कैलेंडर वर्ष 2023 में 5.8 प्रतिशत और कैलेंडर वर्ष 2024 में 6.7 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर्ज करेगा। भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत घरेलू मांग से समर्थन मिलेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में भारत में महंगाई की दर घटकर 5.5 प्रतिशत पर आ जाएगी।

    'मजबूत' बनी रहेगी भारत की आर्थिक वृद्धि

    वैश्विक स्तर पर ज‍िस कीमतों में कमी और मुद्रा के मूल्य में गिरावट की रफ्तार धीमी होने से 'आयातित' मुद्रास्फीति कम होगी। इस आकलन में भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान में बदलाव नहीं किया गया है। यह इस साल जनवरी में जारी विश्व आर्थिक स्थिति और संभावनाएं-2023 रिपोर्ट लगाए गए अनुमानों के अनुरूप है। रिपोर्ट कहती है कि भारत की आर्थिक वृद्धि 'मजबूत' बनी रहेगी। हालांकि, अन्य दक्षिण एशियाई देशों के लिए संभावनाएं 'अधिक चुनौतीपूर्ण' हैं।

    भारत विश्व अर्थव्यवस्था में एक चमकता स्थान

    संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग की वैश्विक आर्थिक निगरानी इकाई, आर्थिक विश्लेषण और नीति प्रभाग के प्रमुख हामिद राशिद ने कहा था कि भारत विश्व अर्थव्यवस्था में एक 'चमकता स्थान' है। भारत के लिए हमारा अनुमान जनवरी से नहीं बदला है और हम कई सकारात्मक चीजें देखते हैं। इनमें महंगाई भी शामिल है जो काफी नीचे आई है। भारत की मुद्रास्फीति लगभग 5.5 प्रतिशत है, जबकि दक्षिण एशिया के लिए क्षेत्रीय औसत 11 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि इसका मतबल है कि राजकोषीय विस्तार और मौद्रिक स्तर पर काफी गुंजाइश है जो घरेलू मांग को समर्थन देगा।

    चीन की वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाया

    अमेरिका के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि परिवारों का खर्च बेहतर रहने से 2023 में उसकी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाकर 1.1 प्रतिशत किया गया है। वहीं, यूरोपीय अर्थव्यवस्था के 0.9 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। इस साल के लिए चीन की वृद्धि दर के अनुमान को 4.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.3 प्रतिशत किया गया है।