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    सैन फ्रांसिस्को में भारत के समर्थन में भारतीय-अमेरिकियों ने निकाली रैली, खालिस्तानियों को दिया करारा जवाब

    भारतीय वाणिज्य दूतावास में हाल ही में खालिस्तान समर्थकों द्वारा आगजनी की कोशिश किए जाने के बाद भारत के प्रति समर्थन व्यक्त करने के लिए भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लोग सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास के बाहर इकट्ठा हुए। इस दौरान बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लोगों ने भारत के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए वाणिज्य दूतावास के बाहर एक शांति रैली आयोजित की।

    By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Sun, 16 Jul 2023 05:30 AM (IST)
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    सैन फ्रांसिस्को में भारत के समर्थन में भारतीय-अमेरिकियों ने निकाली रैली (फोटो एएनआई)

    सैन फ्रांसिस्को, एजेंसी। भारतीय वाणिज्य दूतावास में हाल ही में खालिस्तान समर्थकों द्वारा आगजनी की कोशिश किए जाने के बाद भारत के प्रति समर्थन व्यक्त करने के लिए भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लोग सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास के बाहर इकट्ठा हुए।

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    भारत के समर्थन में आयोजित की शांति रैली

    इस दौरान बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लोगों ने भारत के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए वाणिज्य दूतावास के बाहर एक शांति रैली आयोजित की।

    बता दें कि खालिस्तान समर्थकों द्वारा 2 जुलाई को ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में आगजनी की कोशिश को अंजाम देते हुए दिखाया गया था। यह बीते कुछ महीनों के भीतर हिंसा की दूसरी घटना थी।

    दूतावास के बाहर इकट्ठा हुए भारतीय-अमेरिकी

    इस सप्ताह सैन फ्रांसिस्को और उसके आसपास से बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकियों ने भारत का समर्थन किया और हालिया हिंसा के खिलाफ सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर एक शांतिपूर्ण रैली की। प्रदर्शनकारियों ने इस हिंसा को आतंकवादी कृत्य बताया और उसके लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कठघरे में खड़ा करने की मांग की।

    तरणजीत सिंह संधू ने किया था भारतीय दूतावास का दौरा

    इससे पहले अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने भारतीय वाणिज्य दूतावास का दौरा किया था और मिशन में भारतीय राजनयिकों और अधिकारियों से मुलाकात की थी। भारत ने कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे अपने साझेदार देशों से कहा है कि वे चरमपंथी खालिस्तानी विचारधारा को तवज्जो नहीं दें, क्योंकि यह द्विपक्षीय संबंधों के लिए अच्छा नहींहै।