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भारतीय अमेरिकी सांसदों और बाइडन प्रशासन में शीर्ष सदस्यों ने मनाई दिवाली

अमेरिकी कांग्रेस (लोकतंत्र का मंदिर) में रोशनी का त्योहार दिवाली मनाने के लिए एकत्रित हुए लोग।सांसदों ने अमेरिका के विकास में भारतीय अमेरिकियों के योगदान की प्रशंसा की और COVID-19 के बाद की दुनिया में दिवाली के महत्व पर प्रकाश डाला।

By Nitin AroraEdited By: Published: Wed, 27 Oct 2021 08:59 AM (IST)Updated: Wed, 27 Oct 2021 09:36 AM (IST)
भारतीय अमेरिकी सांसदों और बाइडन प्रशासन में शीर्ष सदस्यों ने मनाई दिवाली
भारतीय अमेरिकी सांसदों और बाइडन प्रशासन में शीर्ष सदस्यों ने यूएस कांग्रेस में मनाई दिवाली

वाशिंगटन, पीटीआइ। भारतीय अमेरिकी सांसदों के नेतृत्व में, बाइडन प्रशासन में सेवारत शीर्ष सदस्य और देश भर से समुदाय के सदस्यों का एक समूह अमेरिकी कांग्रेस (लोकतंत्र का मंदिर) में रोशनी का त्योहार 'दिवाली' मनाने के लिए एकत्रित हुआ। अमेरिकी सामाजिक-राजनीतिक स्पेक्ट्रम में इस छोटे लेकिन प्रभावशाली समुदाय के उद्भव पर विचार करते हुए, सांसदों ने अमेरिका के विकास में भारतीय अमेरिकियों के योगदान की प्रशंसा की और COVID-19 के बाद की दुनिया में दिवाली के महत्व पर प्रकाश डाला।

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कार्यक्रम में अमेरिकी सर्जन जनरल डाक्टर विवेक मूर्ति ने कहा, 'हम, पिछले लगभग दो वर्षों से, एक महामारी के बीच में हैं जिसने हमारे जीवन को उल्टा कर दिया है। हममें से कई, जिनमें मैं भी शामिल हूं, ने परिवार और दोस्तों को लगातार खोया है। मुझे पता है कि आप में से कई लोगों के साथ भी हुआ होगा, चाहे वह यहां का परिवार हो, भारत में परिवार हो या दुनिया भर में कहीं और। हमें भारी नुकसान हुआ है।' उन्होंने आगे कहा, 'लेकिन पिछले कुछ वर्षों में एक चीज जो मुझे सबसे ज्यादा चिंतित करती है, वह है एक अन्य प्रकार की महामारी, वह अदृश्य महामारी जिसके बीच में हम हैं। यह ध्रुवीकरण की महामारी है जहां ऐसा लगता है कि लोग एक-दूसरे के खिलाफ हो गए हैं, जहां उन्होंने एक-दूसरे को मिटाना चाहते हैं, एक-दूसरे को बुरा कहते हैं और एक-दूसरे के साथ गलत व्यवहार किया है। यह एक तरह का अंधेरा है।

कैपिटल हिल में दिवाली समारोह का आयोजन इंडियास्पोरा द्वारा कई सामुदायिक संगठनों के सहयोग से किया गया। अपनी मां की शिक्षाओं को याद करते हुए, डा मूर्ति ने कहा कि दीपावली को असत्य पर सत्य की और अंधकार पर प्रकाश की विजय के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा, 'वह हमेशा कहती थी कि अमेरिका में आप जिन लोगों से मिलेंगे, वे अलग-अलग धर्मों और परंपराओं से आएंगे। लेकिन याद रखें कि ईश्वर का प्रकाश उनमें से प्रत्येक के भीतर मौजूद है, चाहे वे कहीं से भी हों।'

भारतीय अमेरिकी कांग्रेसी डा अमी बेरा, राजा कृष्णमूर्ति, रो खन्ना और प्रमिला जयपाल ने भी सभा को संबोधित किया और इस अवसर पर समुदाय को बधाई दी।


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