अमेरिका को भारत से कितनी होती है कमाई, ट्रंप के दावों की क्या है सच्चाई? रिपोर्ट में कई खुलासे
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आरोप है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्ते बड़े ही एकतरफा हैं भारत को ज्यादा फायदा होता है जबकि अमेरिका को ना के बराबर लाभ होता है। जबकि ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव (GTRI) की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिका भारत से मोटा मुनाफा कमाता है और..

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है। उनका आरोप है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्ते बड़े ही एकतरफा हैं, भारत को ज्यादा फायदा होता है, जबकि अमेरिका को ना के बराबर लाभ होता है।
हाल ही में ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव (GTRI) की रिपोर्ट में कुछ अलग ही कहानी निकलकर सामने आई है। GTRI की रिपोर्ट न सिर्फ ट्रंप के दावों और आरोपों को खारिज करती है, बल्कि यह भी बताती है कि अमेरिका को भारत से 3.5 लाख करोड़ से ज्यादा की कमाई होती है।
अब सवाल ये हैं कि ट्रंप ने कौन-कौन से दावे किए हैं और अमेरिका कैसे भारत से कमाई करता है? आइए हम आपको बताते हैं...
जीटीआरआई की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत का अमेरिका के साथ व्यापार घाटा 4 लाख करोड़ का है। अगर पूरी कमाई को एक साथ जोड़कर देखा जाए तो समीकरण और रिपोर्ट दोनों बदल जाते हैं। असल आंकड़े पर नजर डालो तो पता चलता है कि अमेरिका को हर साल भारत से 3.5 लाख करोड़ से ज्यादा का मुनाफा होता है। यानी कि अमेरिका भारत से ज्यादा कमाई करता है और मुनाफा भी पाता है।
अमेरिका, भारत से कैसे कमाई करता है?
- अमेरिका की मेटा, गूगल, एपल, अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट जैसी टेक्नोलॉजी कंपनियां भारत के डिजिटल मार्केट से हर साल 1.3 से 1.8 लाख करोड़ रुपये की कमाई करती हैं।
- कोका कोला, मैकडॉनल्ड्स, बर्गर किंग, पिज्जा हट और सब-वे जैसी सैकड़ों अमेरिकी कंपनियां इंडिया में बिजनेस कर रही हैं और सालाना 1.3 लाख करोड़ रुपये तक कमाती हैं।
- वॉल स्ट्रीट के बैंक और बड़ी कंसल्टेंसी फर्म हर साल भारत से 68 हजार करोड़ से 1.3 लाख करोड़ तक फीस वसूलती हैं, यह पैसा अमेरिका में ही जाता है।
- वॉलमार्ट, डेट और आईबीएम जैसे कई बड़े अमेरिकी निगमों के ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स से 1.8 लाख करोड़ रुपये तक की कमाई होती है।
- भारत से हॉलीवुड फिल्मों, फार्मास्युटिकल पेटेंट, ऑनलाइन सब्सक्रिप्शन और रक्षा सौदों से भी अरबों डॉलर का राजस्व अमेरिका को मिलता है।
- अमेरिका में पढ़ाई करने वाले इंडियन स्टूडेंट हर साल ट्यूशन फीस और अन्य खर्चों के रूप में वहां की इकोनॉमी में 2.2 लाख करोड़ रुपये का योगदान देते हैं।
अमेरिकी कंपनियों पर भारत में कितना टैक्स लगता है?
अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर अमेरिकी सामानों पर ज्यादा टैरिफ (टैक्स) वसूलने का आरोप लगाते आए हैं, जीटीआरआई की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ट्रंप का भारत में अमेरिकी कंपनियों पर ज्यादा टैरिफ (टैक्स) लगने वाला आरोप भी सही नहीं है।
भारत सरकार ने अमेरिका के औद्योगिक सामानों, बादाम और सेब जैसे कुछ चुनिंदा कृषि उत्पादों को टैक्स फ्री करने का प्रस्ताव भी दिया था।
अब मामला यह है कि ये सामान अमेरिका के भारत को होने वाले कुल निर्यात का 95 प्रतिशत से ज्यादा है, इस कारण लग्जरी सामान को छोड़ दिया जाए तो अमेरिका को भारतीय बाजार में टैक्स फ्री पहुंच मिलती है या फिर बहुत मामूली शुल्क ही चुकाना होता है। ऐसे में तथ्य ट्रंप के एकतरफा रिश्ते के दावे से एकदम अलग है।
क्या ट्रंप टैरिफ वॉर लंबा जाएगा?
अमेरिकी अर्थव्यवस्था अभी मुश्किल दौर से गुजर रही है। अमेरिका का राजकोषीय घाटा भी 6 फीसदी से ज्यादा है। ऐसे में मौजूदा टैरिफ वॉर और अमेरिकी सहयोगी देशों से दूरी के कारण आगामी सालों में अमेरिका की वैश्विक प्रभुत्व पर सीधे चोट कर सकते हैं, इसलिए टैरिफ वॉर के लंबा खिंचने की संभावना बहुत कम है।
अभी अमेरिका पर कर्ज 37.3 ट्रिलियन डॉलर है, जो सिर्फ एक साल के भीतर 2 ट्रिलियन डॉलर बढ़ा है। अभी यह और बढ़ सकता है, क्योंकि कर्ज पर लगने वाला ब्याज हर साल एक ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा हो सकता है।
मौजूदा वक्त में अमेरिका के 30 साल के कर्ज पर ब्याज दर 4.95 फीसदी यानी सबसे ऊंचे स्तर पर है। इन सभी आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो ट्रंप के दावों के उलट अमेरिका को भारत के साथ अपने व्यापारिक रिश्तों से भारी मुनाफा होता है और अगर टैरिफ वॉर लंबा चला तो नुकसान ही होगा।
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