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    ट्रंप टैरिफ का तोड़ निकालने के लिए भारत ने खोला डिप्लोमेटिक चैनल, US सिक्योरिटी एजेंसी के सदस्य से क्यों मिले क्वात्रा?

    भारत के अमेरिका में राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने अमेरिकी सांसद जोश गॉटथीमर से मुलाकात की और व्यापारिक रिश्तों पर चर्चा की। उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग पर भी बात की। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब रूसी तेल खरीद को लेकर अमेरिका में भारत की आलोचना हो रही है। क्वात्रा ने सीनेटर कॉर्निन और सांसद बैर से भी मुलाकात की।

    By Digital Desk Edited By: Chandan Kumar Updated: Fri, 22 Aug 2025 10:22 AM (IST)
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    इस दौरान उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग, खासकर तेल और गैस के व्यापार पर ताजा अपडेट साझा किए। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के अमेरिका में राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने अमेरिकी सांसद जोश गॉटथीमर के साथ मुलाकात कर दोनों देशों के बीच संतुलित, निष्पक्ष और आपसी फायदे वाले व्यापारिक रिश्तों पर चर्चा की है।

    इस दौरान उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग, खासकर तेल और गैस के व्यापार पर ताजा अपडेट साझा किए। यह मुलाकात ऐसे वक्त में हुई जब रूसी तेल खरीद को लेकर अमेरिका में भारत के खिलाफ तल्ख टिप्पणियां सामने आ रही हैं।

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    क्वात्रा ने गुरुवार को एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "आज जोश गॉटथीमर, नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी और साइबर सबकमिटी के रैंकिंग मेंबर के साथ बातचीत को सराहा। ऊर्जा सहयोग में ताजा घटनाक्रम, खासकर तेल और गैस में दोतरफा व्यापार और संतुलित, निष्पक्ष व आपसी फायदे वाले व्यापारिक रिश्तों पर अपडेट साझा किए।"

    सीनेटर कॉर्निन और सांसद बैर के साथ भी चर्चा

    इससे पहले बुधवार को क्वात्रा ने सीनेट इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष, टेक्सास के सीनेटर जॉन कॉर्निन से मुलाकात की। इस बातचीत में टेक्सास और भारत के बीच हाइड्रोकार्बन और व्यापारिक सहयोग को मजबूत करने पर जोर दिया गया। क्वात्रा ने एक्स पर लिखा, "भारत-अमेरिका रिश्तों के लिए सीनेटर कॉर्निन के लगातार समर्थन के लिए शुक्रिया। आपसी सम्मान पर आधारित व्यापारिक रिश्तों की अहमियत पर बात हुई।"

    इसी तरह, विनय क्वात्रा ने हाउस सबकमिटी ऑन फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस एंड मॉनेटरी पॉलिसी के चेयरमैन और इंडिया कॉकस के वाइस को-चेयर सांसद एंडी बैर से भी मुलाकात की। इन मुलाकातों से साफ है कि भारत-अमेरिका रिश्तों को और मजबूत करने की कोशिशें तेज हैं।

    रूसी तेल पर अमेरिका का तीखा हमला

    इन मुलाकातों के बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर रूसी तेल खरीद को लेकर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की चिंताओं ने माहौल को गर्म कर दिया है। गुरुवार को व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने भारत पर सबसे तीखा हमला बोला।

    उन्होंने दावा किया कि भारत रूसी तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध को "बढ़ावा" दे रहा है। नवारो ने कहा, "भारत क्रेमलिन के लिए लॉन्ड्रोमैट की तरह काम कर रहा है। भारत की खरीद रूस को यूक्रेन में युद्ध के लिए फंडिंग दे रही है, जबकि भारत इससे मुनाफा कमा रहा है।"

    नवारो ने आगे कहा, "भारत को अपनी भूमिका को स्वीकार करने की जरूरत नहीं दिखती। वह शी जिनपिंग (चीन के राष्ट्रपति) के करीब जा रहा है। भारत को रूसी तेल की जरूरत नहीं है। यह एक रिफाइनिंग मुनाफे की स्कीम है। मैं भारत से प्यार करता हूं, मोदी एक महान नेता हैं, लेकिन भारत, कृपया अपनी वैश्विक अर्थव्यवस्था में भूमिका देखें। आप जो कर रहे हैं, वह शांति नहीं ला रहा, बल्कि युद्ध को बढ़ावा दे रहा है।"

    निक्की हेली और जेफ्री सैक्स की चेतावनी

    दूसरी ओर, अमेरिका की पूर्व यूएन राजदूत निक्की हेली ने भारत को "मूल्यवान स्वतंत्र और लोकतांत्रिक साझेदार" बताते हुए कहा कि भारत-अमेरिका रिश्तों में पिछले 25 साल की प्रगति को नुकसान पहुंचाना "रणनीतिक आपदा" होगी।

    न्यूजवीक में अपने लेख में उन्होंने ट्रंप से भारत के पीएम मोदी के साथ सीधी बातचीत करने और रिश्तों में आई गिरावट को पलटने की सलाह दी। हेली का मानना है कि चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए भारत ही एशिया में एकमात्र देश है जो अमेरिका का मजबूत साझेदार हो सकता है।

    वहीं, मशहूर अर्थशास्त्री जेफ्री सैक्स ने भारत पर भारी टैरिफ लगाने के अमेरिकी फैसले को "अजीब" और "अमेरिकी विदेश नीति के लिए आत्मघाती" बताया। उन्होंने इसे अमेरिका के हितों के खिलाफ करार दिया।

    अब आगे क्या?

    भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और ऊर्जा सहयोग पर बातचीत तो चल रही है, लेकिन रूसी तेल खरीद को लेकर अमेरिकी बयानबाजी ने रिश्तों में नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।

    क्वात्रा की मुलाकातें इस बात का संकेत हैं कि भारत इन मुद्दों को सुलझाने और आपसी रिश्तों को मजबूत करने की कोशिश में जुटा है। मगर आने वाले दिन यह तय करेंगे कि क्या दोनों देश इन तनावों को पार कर एक नई साझेदारी की राह बना पाएंगे।

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