भारत-अमेरिका के बीच होने जा रही ये मिनी डील? 1 अगस्त से पहले मिलेगी खुशखबरी
भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर बातचीत निर्णायक मोड़ पर है। सितंबर या अक्टूबर तक अंतरिम मुक्त व्यापार समझौते की घोषणा होने की उम्मीद है। अमेरिकी वाणिज्य सचिव ने 1 अगस्त तक की डेडलाइन दी है जिसके बाद टैरिफ लागू हो सकते हैं। भारत स्टील ऑटोमोटिव पार्ट्स और एल्युमीनियम पर टैरिफ से बचने के लिए मिनी डील पर काम कर रहा है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर बातचीत अब निर्णायक मोड़ पर है। भारत अंतरिम मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के करीब है और सितंबर या फिर अक्टूबर तक इसकी घोषणा होने की उम्मीद है।
ट्रेड डील पर बातचीत करने के लिए अमेरिका गया भारतीय डेलिगेशन शनिवार (19 जुलाई, 2025) को पांचवें दौर की वार्ता के बाद वापस आ चुका है। इसके बाद अमेरिकी डेलिगेशन अगस्त के मध्य में भारत आ सकता है। हालांकि डोनाल्ड ट्रंप ने 1 अगस्त तक की डेडलाइन दे रखी है।
डेडलाइन के बारे में क्या बोले यूएस कॉमर्स सेक्रेटरी?
इस समयसीमा को लेकर अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटकिन ने पिछले सप्ताह एक टीवी इंटरव्यू के दौरान कहा था, "1 अगस्त के बाद देशों को हमसे बातचीत करने से कोई नहीं रोक सकता लेकिन ये एक हार्ड डेडलाइन है। वे एक अगस्त से टैरिफ का भुगतान का भुगतान शुरू करने जा रहे हैं।" हालांकि भारत स्टील, ऑटोमोटिव पार्ट्स और एल्युमीनियम पर भारी टैरिफ से बचने के लिए समय रहते एक मिनी डील पर काम कर सकता है।
भारत पर क्या होगा असर?
वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि अगर भारत-अमेरिका के बीच मिनी डील नहीं भी होती है और ट्रंप प्रशासन 26 प्रतिशत टैरिफ लागू कर देता है तो भी भारत पर इसका बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा। स्टील पर टैरिफ के अलावा कृषि और ऑटोमोबाइल से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की गई है। भारत ने डेयरी क्षेत्र में शुल्क रियायतों की अमेरिकी मांग पर अपना कड़ा रुख अपनाया हुआ है। भारत ने किसी भी एफटीए साझेदारी को ऐसी रियायतें नहीं दी हैं।
भारत ने अमेरिका से क्या की मांग?
भारत ने 26 प्रतिशत के अतिरिक्त टैरिफ को हटाने की भी मांग की है। साथ ही इस्पात और एल्युमीनियम निर्यात पर 50 प्रतिशत और ऑटोमोटिव क्षेत्र पर 25 प्रतिशत के आधार टैरिफ को भी हटाने की मांग की है। इसके अलावा टेक्सटाइल सेक्टर के लिए भी रियायतें मांगी हैं। भारत ने अमेरिका से कहा है कि विश्व व्यापार संगठन के मानदंडों के तहत, वह अमेरिकी आयातों पर जवाबी शुल्क लगाने का अधिकार रखता है।
अमेरिका क्या चाहता है?
इस बीच, अमेरिका भी कुछ औद्योगिक वस्तुओं और ऑटोमोबाइल, खासकर इलेक्ट्रिक वाहनों, साथ ही वाइन, पेट्रोकेमिकल और कृषि उत्पादों के आयात पर राहत चाहता है।
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