Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    UNSC में 'कश्मीरी महिलाओं' पर बोलना पाकिस्तान को पड़ा भारी, भारत ने सुनाई खरी-खरी

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 07:59 PM (IST)

    संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने पाकिस्तान को जमकर फटकार लगाई। भारत ने कहा कि पाकिस्तान अपने ही नागरिकों पर बमबारी कर रहा है और व्यवस्थित ढंग ...और पढ़ें

    Hero Image
    संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद भारतीय राजदूत ने पाक को सुनाई खरी-खरी

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सोमवार को पाकिस्तान को एक बार फिर घेरा और जमकर खरी-खरी सुनाई। भारत ने कहा कि पड़ोसी देश अपने ही लोगों पर बमबारी कर रहा है और व्यवस्थित जनसंहार को बढ़ावा दे रहा है। यही नहीं, पाकिस्तान का इतिहास महिला विरोधी घटनाओं से भी भरा हुआ है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारत की प्रतिक्रिया पाकिस्तान की उस टिप्पणी के बाद आई, जिसमें जम्मू-कश्मीर की महिलाओं को लेकर भारत को निशाना बनाने की कोशिश की गई थी। सुरक्षा परिषद में महिलाएं, शांति और सुरक्षा के विषय पर खुली बहस में हिस्सा लेते हुए पाकिस्तानी प्रतिनिधि साईमा सलीम ने अपने बयान में कहा था कि कश्मीरी महिलाओं को, शांति और सुरक्षा के एजेंडे से बाहर रखना इस विषय की वैधानिकता को खत्म करता है और सार्वभौमिकता को कमतर करता है।

    भारतीय राजदूत ने दिया करारा जवाब 

    इसके जवाब में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने कहा कि पाकिस्तान का इतिहास महिला विरोधी घटनाओं से भरा रहा है। 1971 में पाकिस्तान ने 'आपरेशन सर्चलाइट' चलाया था और व्यवस्थित अभियान में अपनी ही सेना के जरिये चार लाख से ज्यादा महिला नागरिकों के जनसंहार और सामूहिक दुष्कर्म को अंजाम दिया।

    भारतीय राजदूत ने कहा कि दुर्भाग्यवश हर साल हमें अपने देश और खास तौर पर जम्मू और कश्मीर के खिलाफ पाकिस्तान की भ्रामक बातें सुनने को मिलती हैं। वे इन हिस्सों पर कब्जा करना चाहते हैं। अपने ही लोगों पर बमबारी करनेवाला देश, जो व्यवस्थित जनसंहार को अंजाम दे रहा है, दुनिया को बरगलाने के लिए हर तिकड़म आजमाने से बाज नहीं आता। दुनिया पाकिस्तान के प्रोपेगैंडा को देख रही है।

    महिला सुरक्षा में भारत का रिकार्ड बेदाग

    रूस की अध्यक्षता में परिषद की बैठक में हरीश ने कहा कि महिलाओं, शांति और सुरक्षा के मामले में भारत का रिकार्ड बेदाग और पुख्ता है। भारतीय महिला डाक्टर अधिकारी कांगों में 60 के दशक से अपनी सेवाएं दे रही हैं। 2007 में भारत ने अपनी पहली पूर्ण महिला पुलिस बल को लाइबेरिया में तैनात किया। ये संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में पहली बार हुआ। उन्होंने कहा कि आज इस पुलिस बल की 160 महिला कर्मी कांगो, सूडान और दक्षिण सूडान में तैनात हैं।

    भारतीय राजदूत ने संघर्ष क्षेत्र में काम करके मिसाल बननेवाली किरन बेदी से लेकर मेजर सुमन गवनी तक का जिक्र किया। मेजर गवनी को कांगो में अपने विशेष योगदान के लिए 2019 में यूएन मिलिट्री जेंडर एडवोकेट अवार्ड से सम्मानित किया गया।

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)