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    एक समान नहीं हैं कट्टरपंथी और लोकतांत्रिक विचारधाराएं, UNSC में भारत बोला- आतंकवाद के खिलाफ लागू हो जीरो टालरेंस नीति

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Sat, 05 Feb 2022 05:41 PM (IST)

    संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद रोधी कार्यालय की तरफ से आयोजित सदस्य देशों की राजदूत स्तर की वार्षिक वार्ता के दौरान यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति लागू करनी चाहिए।

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    भारत का कहना है कि आतंकवाद के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति लागू करनी चाहिए।

    संयुक्त राष्ट्र, पीटीआइ। भारत ने राजनीतिक सिद्धांतों और कट्टरपंथ में अंतर करने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि राजनीतिक सिद्धांत बहुलवादी लोकतंत्र का हिस्सा हैं, जबकि कट्टरपंथ आतंकवाद को बढ़ावा देता है। इसलिए, दोनों को एक ही नजरिये से देखने का कोई भी प्रयास 'गलत' और 'प्रतिकूल' है। आतंकी संगठन अल-कायदा, आइएसआइएल और उनके सहयोगियों द्वारा एशिया और अफ्रीका में पैदा किए जाने वाले खतरों को चिहिन्त करके उन्हें खत्म किया जाना चाहिए।

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    आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की अपील

    संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद रोधी कार्यालय (यूएनओसीटी) की तरफ से आयोजित सदस्य देशों की राजदूत स्तर की वार्षिक वार्ता के दौरान यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत का हमेशा से मानना रहा है कि देशों को 9/11 से पहले के दौर में नहीं जाना चाहिए, जब आतंकियों को 'आपका' और 'मेरा' में विभाजित किया जाता था। आतंकियों को वर्गीकृत करना आतंकवाद से निपटने के सामूहिक संकल्प को कमजोर करता है।

    दक्षिणपंथ व वामपंथ राजनीति का हिस्सा

    तिरुमूर्ति ने कहा कि यह समझने की जरूरत है कि लोकतंत्र में दक्षिणपंथ व वामपंथ राजनीति का हिस्सा हैं और चुनाव के जरिये सत्ता में आते हैं। उन्होंने कहा, 'परिभाषा के अनुसार लोकतंत्र विचारधाराओं और विश्वासों का एक व्यापक संगम होता है.. हमारी लड़ाई कट्टरपंथी विचारधाराओं के खिलाफ है न कि लोकतंत्र के खिलाफ।'

    आतंकवाद के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति

    तिरुमूर्ति ने कहा, 'हमें दृष्टिकोण में चयनात्मक नहीं होना चाहिए, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति लागू करनी चाहिए। आतंकी संगठन अल-कायदा, आइएसआइएल और उनके सहयोगियों द्वारा एशिया व अफ्रीका में पैदा किए जाने वाले खतरों को चिहिन्त करके उन्हें खत्म किया जाना चाहिए।'

    हिंसा से मुकाबले को प्रेरित करती है बंधुत्व की भावना

    भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सभी मतों के खिलाफ हिंसा का संयुक्त रूप से मुकाबला करने का आह्वान किया है। साथ ही याद दिलाया कि अफगानिस्तान के बामियान में तालिबान द्वारा बुद्ध की प्रतिमाओं को तोड़ा जाना इस बात का प्रमाण है कि अन्य धमरें के खिलाफ नफरत क्या कर सकती है। तालिबान के पूर्व नेता मुल्ला मोहम्मद उमर के आदेश पर वर्ष 2001 में छठी शताब्दी में बनीं इन प्रतिमाओं को नष्ट कर दिया गया था।

    किसी भी धर्म के प्रति फोबिया गंभीर चिंता का विषय

    संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि किसी भी धर्म या मत, विशेष रूप से हिंदू, बौद्ध व सिख को लेकर फोबिया पैदा होना गंभीर चिंता का विषय है। इस खतरे से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र को ध्यान देने की जरूरत है। अंतरराष्ट्रीय 'मानव बंधुत्व दिवस' पर एक विशेष डिजिटल कार्यक्रम में तिरुमूर्ति ने कहा, 'मानव बंधुत्व की भावना हमें न केवल अब्राहमी मतों, बल्कि सिख, बौद्ध और हिंदू धर्म सहित सभी के खिलाफ नफरत और हिंसा का मुकाबला करने के लिए भी प्रेरित करती है।'