अमेरिका में नियुक्त भारत के पहले सांस्कृतिक राजनयिक डॉ. मोक्षराज स्वदेश लौटे
अमेरिका में भारत के पहले सांस्कृतिक राजनयिक डॉ. मोक्षराज अपना तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद स्वेदश लौट गए हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान ना केवल अमेरिका के विभिन्न संस्थानों में संस्कृत और हिंदी पढ़ाने का काम किया।

वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका में भारत के पहले सांस्कृतिक राजनयिक डॉ. मोक्षराज अपना तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद स्वेदश लौट गए हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान ना केवल अमेरिका के विभिन्न संस्थानों में संस्कृत और हिंदी पढ़ाने का काम किया बल्कि योग और ध्यान के साथ परंपरागत भारतीय संस्कृति के प्रसार को भी बढ़ावा दिया। डॉ. मोक्षराज ने कहा कि कोरोना काल के बाद विश्व में एक बार फिर 'वसुधैव कुटुम्बकम' की प्रतिध्वनि सुनाई दी। बता दें कि योग, संस्कृति एवं हिंदी की शिक्षा देने के लिए भारत सरकार ने विभिन्न देशों में 162 भारतीय संस्कृति शिक्षक नियुक्त किए थे।
उन्होंने कहा, 'भारत एकमात्र ऐसा देश है जो 'वसुधैव कुटुम्बकम' के सिद्धांत पर विश्वास करता है। यह विचार नया नहीं है बल्कि मनुष्य की उत्पति के समय से है। भारत की संस्कृति सबकी भलाई के लिए काम करती है।' अमेरिका में भारत के तीन राजदूतों नवतेज सरना, हर्षवर्धन श्रृंगला और तरणजीत सिंह संधू के साथ काम करने वाले डॉ. मोक्षराज शुक्रवार को भारत के लिए रवाना हो गए।
राजस्थान के अजमेर में वर्ष 1979 में जन्मे डॉ. मोक्षराज के नेतृत्व में अमेरिकी संसद कैपिटॉल हिल, व्हाइट हाउस तथा वाशिंगटन स्मारक के सामने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से जुड़े हुए हजारों लोग योग कर चुके हैं। प्रवासी भारतीय समुदाय तथा 12 से अधिक देशों के नागरिक भी उनसे योग, हिंदी तथा भारतीय संस्कृति की शिक्षा ले चुके हैं। हॉलीवुड अभिनेत्री तथा दीपावली के अवसर पर ओम जय जगदीश हरे भजन तथा अगस्त माह में भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर भारत का राष्ट्रगान गाने वाली लोकप्रिय गायिका मैरी मिलबेन को डॉ. मोक्षराज ने ही प्रशिक्षित किया है।
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